कोरोना से 74 दिन की जंग में 60 लाख खर्च
- अलग अलग मदों में 1.12 करोड़ का बजट मिला, विधायक निधि भी शामिल
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत खाना, उपकरण आदि व्यवस्थाओं का हुआ इंतजाम बरेली : कोरोना का प्रकोप लगातार जारी है, लेकिन कोरोना की चपेट में आने वाले पेशेंट्स को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए लगातार बेहतर सुविधाएं भी दी जा रही हैं। 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के साथ ही कोरोना के संदिग्धों की तलाश कर उनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने का सिलसिला शुरू हुआ जो अब तक जारी है। हेल्थ डिपार्टमेंट की बात करें तो कोरोना को हराने के लिए अब तक 74 दिनों में 60 लाख रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। इसमें सैनिटाइजेशन के कार्य में उपयोग में लाई जाने वाली दवाएं, खाना, मास्क और डॉक्टरों को ठहराने आदि का इंतजाम किया गया है। इतना मिला बजट 1.12 करोड़ रुपयेएनएचएम को 50 लाख रुपये
जिला प्रशासन और विधायक निधि से कुल मिलाकर 62 लाख रुपये इतना हुआ खर्च 10 लाख रुपये प्रवासियों, क्वारंटाइन लोगों के खाने में खर्च 10 लाख रुपये क्वारंटाइन सेंटरों के इंतजाम खर्च हुआ। 10-15 लाख रुपये क्वारंटाइन डॉक्टर्स पर खर्च 10 लाख रुपए उपकरण, सैंपल भेजने के बॉक्स, ट्रांसपोर्टेशन आदि पर खर्च16 लाख रुपए से दवा, सैनिटाइजर, मास्क आदि की खरीदी
कोरोना से जंग जारी इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन की रिपोर्ट आई निगेटिव टोटल पॉजिटिव केस एक्टिव केस पेशेंट्स डिस्ट्रिक्ट के ठीक हो गए पेशेंट्स मंडल के स्वस्थ्य हुए 2 पेशेंट्स की डिस्ट्रिक्ट में मौत कोरोना के लिए कोई अलग से धनराशि आवंटित नहीं की गई है। इस समय अन्य सुविधाएं बंद है तो खर्च सिर्फ कोरोना से बचाव के लिए ही किया जा रहा है। ऐसे में कितनी धनराशि खर्च हुई इसका सटीक आंकड़ा तो नहीं लेकिन 60 लाख रुपये के करीब धनराशि खर्च की जा चुकी होगी। डॉ। विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ