-वैज्ञानिक व डॉक्टर्स ने व्याख्यान पर की परिचर्चा

GORAKHPUR: सतत चिकित्सा शिक्षण सीएमई के तहत सिटी डिजिटल एक्स-रे एंड फीटल मेडिसिन सेंटर , इंडियन रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑब्स एंड गायनी के तत्वावधान में रविवार को फिकॉन-2016 का आयोजन किया गया। इस दौरान तीन सत्रों में वैज्ञानिक एवं चिकित्सकीय व्याख्यान दिए गए। कार्यक्रम मुख्य रूप से भ्रूण विकास, विकार, निदान व उपचार पर केंद्रित रहा। इस दौरान डॉक्टर्स ने सिजेरियन प्रसव के बढ़ रहे खतरों से बचने की सावधानियां भी बताईं।

भ्रूण विकास, विकार पर मंथन

प्रथम सत्र की शुरुआत हैदराबाद की डॉ। वी। धमनगांवकर गौरी के व्याख्यान से हुई। उन्होंने गर्भधारण के पहले दिन से भ्रूण विकास पर चर्चा की। गोरखपुर की डॉ। शिखा अग्रवाल ने गर्भस्थ शिशु के हृदय के अल्ट्रासोनोग्राफी (इकोकार्डियोग्राफी) की जानकारी दी। सत्र का समापन डॉ। अशोक खुराना द्वारा शिशुओं में होने वाले आनुवांशिक विकार एवं क्रोमोजोमल संबंधी विकृतियों के निदान पर दिए गए व्याख्यान से हुआ। द्वितीय सत्र बंगलूरू की डॉ। प्रतिमा राधाकृष्णन के व्याख्यान से शुरू हुआ। उन्होंने भ्रूण के विकारों के निदान की प्रक्रिया व फीटल रिडक्शन एवं आरएच टीकाकरण पर चर्चा की। तीसरे सत्र में डॉ। रतना पुरी ने आनुवांशिक जनित भ्रूण की विकृतियों के निदान में अल्ट्रासाउंड के बेहतर उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। डॉ। अशोक खुराना ने सिजेरियन से प्रसव के बाद सावधानियों एवं खतरे तथा गर्भधारण के दूसरे तिमाही में होने वाले जेनेटिक मार्कर पर व्याख्यान दिया। सत्र की अध्यक्षता डॉ। सविता अग्रवाल एवं डॉ। एलएन सेठ ने की। सत्र के अंत में लेबल-2 अल्ट्रासोनोग्राफी पर वर्कशॉप भी आयोजित किया गया।

स्मारिका का हुआ विमोचन

कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्य संरक्षक डॉ। एसएन अग्रवाल ने अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ। अशोक खुराना ने स्मारिका का विमोचन किया। डॉ। अमृता जयपुरियर ने पहले तथा डॉ। वीके सिंह ने दूसरे व तीसरे सत्र का संचालन किया। इस अवसर पर डॉ। मधु गुलाटी, डॉ। वीके राठी, डॉ। साधना गुप्ता, डॉ। केएम राव, डॉ। राजीव जायसवाल, डॉ। रीना श्रीवास्तव, डॉ। सुरहिता करीम, डॉ। राधा जीना, डॉ। अमृता जयपुरियार, डॉ। सविता अग्रवाल, डॉ। लक्ष्मी नरसू सेठ, डॉ। विक्रांत अग्रवाल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive