चांद से चेहरे पर कहीं दाग न लग जाए
चेहरे को खूबसूरत बनाने वाले सौंदर्य प्रसाधनों से बिगड़ सकता है चेहरा
इंडिया ही नहीं, यूरोप में भी बढ़ रहे एलर्जी के मामले चेहरे को खूबसूरत बनाने वाले सौंदर्य प्रसाधनों से बिगड़ सकता है चेहरा इंडिया ही नहीं, यूरोप में भी बढ़ रहे एलर्जी के मामले ALLAHABAD: ALLAHABAD: चांद पर दाग तो अच्छा लगता है लेकिन किसी के चेहरे पर नहीं। अपनी त्वचा की सेंसेटिविटी को लेकर एलर्ट हो जाइए। कहीं ऐसा न हो कि खूबसूरती को चार चांद लगाने वाले सौंदर्य प्रसाधन ही आपको बदसूरती की सौगात दे बैठें। यह कहना है स्वीडन की मशहूर त्वचा रोग विशेषज्ञ मार्लिन इसाकसन का। स्किन एलर्जी सोसायटी की कांफ्रेंस में आई फेमस डॉक्टर ने महिलाओं द्वारा सौंदर्य प्रसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की। खतरनाक हैं प्रिजर्वेटिवडॉ। मार्लिन का कहना है कि पिछले कुछ सालों में बाजार में कई तरह की फेयरनेस क्रीम की बिक्री आसमान छूने लगी है। पुरुष भी अपने चेहरे को गोरा और चमकदार दिखाने के लिए इनका यूज करते हैं.जबकि सौंदर्य प्रसाधनों में भारी मात्रा में प्रिजर्वेटिव्ज का यूज किया जाता है। जिनको लगाने के बाद त्वचा को कई तरह के नुकसान होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
इंडिया में भी बढ़े मामलेउन्होंने बताया कि केवल इंडिया में ही सौंदर्य प्रसाधनों के अधिक इस्तेमाल से एलर्जी के मामले नहीं बढ़ रहे, यूरोपीय देश भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं। डॉ। मार्लिन का कहना था कि विश्व के कई देशों में हुई रिसर्च में पाया जा चुका है सौंदर्य प्रसाधनों में हानिकारक केमिकल का उपयोग हो रहा है।
खतरनाक है हेयर डाई डॉ। मार्लिन के खुद के बाल सफेद हैं और वह कभी भी हेयर डाई का इस्तेमाल नहीं करतीं। उनका कहना है कि डाई में मौजूद केमिकल्स त्वचा के भीतर जाकर किडनी को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे त्वचा में लाल चकत्ते, खुजली, रुखापान और झाईयां पड़ने जैसे लक्षण उभरने लगते हैं। बॉक्स हॉस्पिटल में नॉट एलाउड है नेल पॉलिश स्वीडन के मशहूर सरकारी हॉस्पिटल मालमो में बतौर त्वचा रोग विशेषज्ञ तैनात डॉ। मार्लिन खुद भी नेल पॉलिश नहीं लगाती और अपने स्टाफ को ऐसा नहीं करने की सलाह देती हैं। वह कहती हैं कि लंबे नाखून रखना और उन पर नेल पॉलिश लगाना सेहत के लिए हानिकारक है।