होली का रंग अब कर रहा तंग
-मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा के स्किन ओपीडी में डेली पहुंच रहे हैं 50 से 60 मरीज
-बच्चों से लेकर यंगस्टर्स की संख्या सबसे अधिक, स्किन में जलन सहित बाल झड़ने से हैं परेशान VARANASI होली के बाद स्किन प्रॉब्लम से हजारों लोग जूझ रहे हैं। किसी के स्किन पर रैशेज हैं तो किसी के चेहरे पर दाने निकल आए हैं। किसी की स्किन इतनी ज्यादा ड्राई हो गयी है कि जलन जा ही नहीं रही। होली तो मजे से बीत गई लेकिन अब कलर की वजह से जो परेशानी झेलनी पड़ रही है उसके लिए लोग डॉक्टर्स की शरण में पहुंच रहे हैं। ज्यादातर लोग स्किन एलर्जी के शिकार हो गए हैं। इसमें बच्चों से लेकर यंगस्टर्स की संख्या सबसे अधिक है। गवर्नमेंट से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल्स में स्किन एलर्जी से पीडि़त मरीजों की संख्या होली के बाद बढ़ गई है। दस से पंद्रह दिन का दवा कोर्सहोली के उत्साह में मिलावटी रंगों से परहेज नहीं करने वालों को अब परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। फेस पर दाने व जलन सहित बाल झड़ने से परेशान मरीजों को डॉक्टर्स दस से पंद्रह दिन का दवा कोर्स करने की सलाह दे रहे हैं। मंडलीय हॉस्पिटल के स्किन ओपीडी में मंगलवार को ऐसे दो दर्जन केस सामने आए जिन्हें डॉक्टर्स ने दस से पंद्रह दिन तक दवा जारी रखने की सलाह दी।
ऐसा हो तो कराए इलाज -एलर्जी, त्वचा लाल होना, दाने निकलना, मुंहासों का बढ़ जाना, लगातार बालों का झड़ना, रंग छुड़ाने में त्वचा को बार-बार रगड़ने से रुखापन, स्किन में जलन हो तो तुरंत स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से चेकअप करायें। टिप्स -त्वचा को कई बार ठंडे पानी से धोएं -डैमेज स्किन पर नारियल का तेल लगाएं -साबुन का इस्तेमाल कम से कम करें -एंट्री स्टरायड क्रीम का यूज करें -धूप में फेस ढक कर ही निकलें -मुहांसों पर साबुन बिल्कुल न लगाएं - स्किन को बार-बार हाथ से टच न करें -अधिक प्रॉब्लम होने पर स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से करें संपर्क होली के बाद से ओपीडी में डेली भ्0 से म्0 ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जो मिलावटी रंग से परेशान हैं। किसी के बाल तेजी से गिर रहे हैं तो कोई चेहरे पर उभरे दाने से परेशान हैं। डॉ। एसएन दीक्षित, डर्मोलॉजस्ट मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा केमिकलयुक्त कलर से होली खेलने वालों को स्किन एलर्जी की कम्पलेन सबसे अधिक है। ओपीडी में वह पेशेंट्स पहुंच रहे हैं जिनके चेहरे पर मुंहासे व जलन की प्रॉब्लम होली के बाद से अधिक है। डॉ। अरविंद सिंह, डर्मोलॉजिस्टमंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा