रोडवेज बस ड्राइवर्स की मनमानी पर एसएलडी का ब्रेक
रोडवेज बस ड्राइवर्स की मनमानी पर एसएलडी का ब्रेक
-हादसों पर ब्रेक लगाने के लिए परिवहन निगम ने बसों में लगवाई डिवाइस -2015 से पहले की 562 बसों में जुगाड़ से कंट्रोल हो रही थी स्पीड -80 किमी। प्रति घंटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर मैक्सिमम स्पीड -40-45 किमी। प्रति घंटा की स्पीड से अन्य रूट पर निर्धारित 652 बसें में रीजन के चारों डिपो में 562 पुरानी बसों में लगाई गई एसएलडी डिवाइसबरेली: रोडवेज बस ड्राइवर्स की मनमानी से होने वाले हादसों पर रोक लगाने के लिए परिवहन निगम ने मंडल के चारों डिपो की सभी बसों को एसएलडी यानि स्पीड लिमिट डिवाइस से लैस कर दिया है। 2015 से पहले की सभी बसों में एलएलडी लगा दी गई है जबकि 2015 के बाद जो भी बसें आई हैं वह एसएलडी से लैस हैं। एसएलडी लगने के बाद ड्राइवर 80 किमी। प्रति घंटा से ज्यादा स्पीड में बस नहीं दौड़ा सकेंगे।
ऐसे कंट्रोल होगी स्पीड एसएलडी बस के इंजन में लगे पंप और फिल्टर के बीच लगाई गई है। इस डिवाइस से होकर निर्धारित मात्रा में ही फ्यूल इंजन में पहुंचेगा, जिससे ड्राइवर चाह कर भी बस की स्पीड नहीं बढ़ा सकेंगे। पहले बोल्ट का था जुगाड़विभागीय लोगों के मुताबिक यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए बसों में एसएलडी लगाने के निर्देश दिए गए थे। पुरानी बसों में एसएलडी की बजाए एक्सीलेटर लीवर के नीचे एक बोल्ट लगा दिया था, जिससे ड्राइवर स्पीड बढ़ाने के लिए लीवर को ज्यादा न दबा सकें, लेकिन ड्राइवर्स ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। ड्राइवर बोल्ड को टाइट कर देते थे जिससे लीवर आसानी से नीचे तक जाने से बस की स्पीड बढ़ जाती थी।
चेक होने के बाद निकलती हैं गाडि़यां वर्कशॉप में गाडि़यों के फिटनेस की जांच होती है। इस दौरान स्पीड लिमिट डिवाइस की जांच होती है। इसके लिए डिवाइस पर कोडिंग की गई गई है। किस डिपो में कितनी बसें बरेली-199 रुहेलखंड-189 बदायूं-163 पीलीभीत-101 4 साल में रीजन को मिली 90 बसें निगम के अधिकारियों के मुताबिक बरेली रीजन में 90 बसें 2015 के बाद आई हैं, जिनमें बरेली और रूहेलखंड डिपो में 21-21, बदायूं और पीलीभीत डिपो में 4-4 तथा पूरे रीजन में लोहिया बस सेवा की 50 बसें आईं थी। जिनमें एसएलडी लगी हुई है। वर्जन सभी बसों में अब स्पीड लिमिट डिवाइस लगा दी गई है। ये बसें अब 80 से अधिक स्पीड से तेज नहीं जा सकती है.-चीनी प्रसाद एआरएम बरेली डिपो