सेंट्रल यूनिवर्सिटी में अभी तक नहीं शुरू हो सकीं कक्षाएं

सितम्बर आ गया, पीजी एलएलबी और बीएएलएलबी में चल रहा दाखिला

बीएड में अब जाकर हुई शुरुआत, क्रेट का तो अता पता ही नहीं

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ने का सपना हर किसी का होता है। छात्र यह सोचकर यूनिवर्सिटी में आवेदन करते हैं कि उन्हें जल्द एडमिशन मिलेगा और पढ़ाई भी शुरू होगी। लेकिन ये क्या ? आवेदन भी कर दिया और परीक्षा भी दे दी। फिर भी पढ़ाई से महरूम हैं। दाखिला कब पूरा होगा? पढ़ाई कब शुरू होगी ? प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के छह माह बाद भी छात्रों की जुबान पर अभी यही सवाल तैर रहा है। यह हाल है सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद और उससे जुड़े डिग्री कॉलेजेस का, जहां सितम्बर माह में भी एडमिशन प्रॉसेस चल ही रहा है। बता दें कि एयू और उसके डिग्री कॉलेजेस में एडमिशन का नोटिफिकेशन नौ अप्रैल 2016 को जारी हुआ था।

ऐसे शामिल होंगे टॉप 200 में

जी हां, एक ओर जहां देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सार्वजनिक मंच से कई दफे यह चिंता जाहिर कर चुके हैं कि दुनिया के टॉप 200 एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में एक भी भारत के शामिल नहीं है। राष्ट्रपति लगातार भारत के उच्च शिक्षण संस्थानो से अपने पठन-पाठन के स्तर को सुधारने की गुजारिश कर रहे हैं। तब पूरब का ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी न सुधरने की कसम खा रखी है। अब करेंट एकेडमिक सेशन 2016-17 को ही लें तो जुलाई में सेशन की शुरुआत हो चुकी है। सितम्बर का महीना चल रहा है। लेकिन यूनिवर्सिटी में एडमिशन का काम कब पूरा होगा? यह कोई कह पाने की स्थिति में नहीं है।

पढ़ाई न लिखाई मोटी रकम चुकाई

करेंट में डिफरेंट डिपार्टमेंट्स में पीजी कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। यह प्रक्रिया अभी और कई दिनो तक चलेगी। यही हाल कॉलेजेस में भी है। यहां जल्दबाजी में सेल्फ फाइनेंसिंग मोड के चक्कर में पीजी कोर्स की शुरुआत कर दी गई। लेकिन इसमें बेचारे आम छात्र पिस कर रह गए हैं। मोटी रकम खर्चा करके कॉलेजेस में दाखिला ले रहे छात्रों के लिए न टीचर की व्यवस्था है और न ही कोई संसाधन मौजूद है। फिर भी छात्रों को भरोसा है कि उन्हें जैसे तैसे डिग्री तो मिल ही जाएगी। यही हाल लॉ कोर्स बीएएलएलबी और एलएलबी का भी है। इन दोनो कोर्स की मान्यता का ऐसा लफड़ा फंसा की छात्र अभी भी प्रवेश के लिए प्रवेश भवन पर टिके नजर आ रहे हैं।

क्रेट में लग जाएंगे दो महीने

वहीं बात केपी ट्रेनिंग और एसएस खन्ना डिग्री कॉलेजेस में बीएड कोर्स की करें तो यहां सितम्बर के फ‌र्स्ट वीक में दाखिले की खिड़की खुल सकी है। बीएड का रिजल्ट इतनी देर से क्यों निकाला गया? इसको लेकर कॉलेज प्रशासन भी अचरज में है। कॉलेज वाले इसलिए चुप हैं कि रिजल्ट निकालने का जिम्मा यूनिवर्सिटी का था तो अब उनसे पंगा कौन लें? इनमें सबसे बुरा हाल कंबाइंड रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट का है। बताने की जरूरत नहीं कि किसी भी यूनिवर्सिटी के एकेडमिक एक्सीलेंस का बेस वहां का शोध कार्य ही होता है। लेकिन यहां तो शोध के दाखिले को ही हाशिये पर डाल दिया गया है। इसका परीक्षा परिणाम अभी तक जारी नहीं हो सका है। जबकि रिजल्ट आने के बाद विभागवार इंटरव्यू होने में ही कम से कम दो माह तो लगेंगे ही। मतलब साफ है कि शोध का दाखिला साल की समाप्ति होते होते ही पूरा होगा।

Posted By: Inextlive