Small films, big message
उभरा हिजड़ों का दर्दडॉक्यूमेंट्री फिल्म तृतीय पंथी में हिजड़ों का दर्द उभर कर सामने आया। फिल्म में शिखंडी के माध्यम से हिजड़ों की दर्दनाक स्थिति बयां की गई। फिल्म में एक ट्रांसजेंडर अपना दर्द बयां करते हुए कहता है - हम इंसान हैं, लेकिन हमें जाने क्यों आम इंसान की तरह ट्रीट नहीं किया जाता है। आम पब्लिक की तरह हमें भी नौकरी मिलनी चाहिए, यह हमें नहीं मिलती।
पापा ह्वाट इज सेक्स?
फिल्म फेस्टिवल की सबसे बेहतरीन फिल्म दर्शकों को एज मेट लगी। इसमें जेंडर गैप को दर्शाया गया। फिल्म की कहानी ये है कि एक फार्म भरने के दौरान सेक्स कॉलम को फिल करने में कंफ्यूजन होने पर एक बच्चा अपने पिता से पूछ बैठता है कि पापा ह्वाट इज सेक्स? इस पर गुस्से में आकर पिता अपने बेटे को एक तमाचा मार देता है. फेस्टिवल में करीम सिटी कॉलेज के स्टूडेंट्स की ही फिल्म दीपिका द गोल्डेन गर्ल दिखाई गई। इसमें दीपिका की पूरी कहानी बताई गई।