-आई एक्सक्लूसिव--

स्लग: आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट, रांची सबसे फिसड्डी

-साल भर में खर्च करने के लिए 200 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिले थे

-एचईसी की 656 एकड़ एरिया में होना है स्मार्ट सिटी का निर्माण

RANCHI (1 Jan): रांची को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 200 करोड़ रुपए मिले, लेकिन साल भर में सिर्फ 35 लाख रुपए ही खर्च हो पाए, यानी मात्र 99.82 परसेंट राशि खर्च ही नहीं हो पाई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब पैसे ही खर्च नहीं हो पा रहे हैं, तो भला रांची स्मार्ट सिटी कैसे बन पाएगी। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी डाटा के अनुसार, रांची ने सबसे कम 35 लाख रुपए खर्च किए हैं, जबकि अहमदाबाद ने सबसे ज्यादा 80.15 करोड़, इंदौर ने 70.69 करोड़, सूरत ने 43.41 करोड़, भोपाल ने 42.86 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यहां तक कि अंडमान निकोबार ने भी 45 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं। इन सबसे खराब स्थिति रांची की ही है।

पहली किस्त में मिले 200 करोड़

स्मार्ट सिटी में शामिल होने के साथ ही रांची को पहली किस्त में 200 करोड़ रुपए मिल गए। रांची को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे और राज्य सरकार भी अपनी तरफ से 500 करोड़ रुपए देगी। इसके तहत पांच साल तक 100 करोड़ रुपए राज्य सरकार और 100 करोड़ केंद्र सरकार देगी। रांची का सेलेक्शन होते ही उसके अकाउंट में 200 करोड़ रुपए आ चुके थे।

जानिए, क्या है स्मार्ट सिटी रांची का प्लान

1. डेढ लाख लोग बसेंगे

स्मार्ट सिटी में 67 हजार 270 परिवार रहेंगे। 86 एकड़ जमीन पर स्मार्ट सिटी में डेढ लाख लोगों के रहने का अनुमान है। इनके लिए 15585 ग्रीन हाउस फ्लैट्स बनाए जाएंगे। इसमें 72 हजार 240 वर्किंग पर्सन रहेंगे। 43 हजार 349 विजिटिंग पर्सन होंगे। जो कॉमर्स हब, एजुकेशन हब में हर दिन आएंगे। सभी बिल्डिंग ग्रीन हाउस कांसेप्ट पर बनाई जाएंगी। यहां बिजली की खपत मात्र 25 प्रतिशत होगी। दिन में सूर्य की रौशनी से ही बिल्डिंग जगमग होगी। रांची में पहली बार हाई प्रोफाइल लोगों के लिए सुपर एचआईजी कैटेगरी के फ्लैट बनेंगे। लो इनकम ग्रुप के लिए 300 वर्गफीट का फ्लैट होगा।

2. तमाम फैसिलिटीज मिलेंगी

मास्टर प्लान का निर्माण करने वाली बेल्जियम की कंपनी ट्रैक्टबल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस गुप्ता बताते हैं कि एचइसी में कुल 656 एकड़ में स्मार्ट सिटी का निर्माण होगा। चार मुख्य प्रवेश द्वार होंगे, एक प्रवेश द्वारा हटिया रेलवे स्टेशन की दूरी 0.5 किमी होगी। एयरपोर्ट दो किमी की दूरी पर है, यहां रिबूस्ट आइटी कनेक्टिविटी एंड डिजिटाइजेशन, सोलर जेनरेट इलेक्ट्रिसिटी, डक्ट केबलिंग, वेस्ट वाटर रिसाइक्लिंग, स्मार्ट मीटरिंग, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, एनर्जी एफि शिएंट स्ट्रीट लाइटिंग, सेफ्टी एंड सिक्योरिटी फॉर सिटीजन, वाल्काबिलिटी एंड साइक्लिंग, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, नो व्हीकल जोन, इंटेलीजेंट ट्रैफि क मैनेजमेंट, सेनिटेशन, पेडेस्ट्रीयन पाथ वे, रिवर फ्रं ट, पार्क और ओपेन स्पेस की सुविधा होगी।

3. अरबन सिविक टावर होगा

स्मार्ट सिटी में सभी जगह सीसीटीवी के सर्विलांस में होंगे। 191.64 करोड़ की लागत से अरबन सिविक टावर बनेगा। 106 करोड़ की लागत से झारखंड अरबन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट भी बनेगा। यहां हाइ क्वालिटी की लाइफ होगी, जिसमें बिजनेस, रियल इस्टेटस, हेल्थ, एजुकेशन से लेकर हाउसिंग तक की व्यवस्था होगी। स्मार्ट सिटी में 2.5 किमी 40 मीटर चौड़ी सड़कें होंगी। 24 मीटर की चौड़ाई वाली 9.9 किमी सड़क होगी। 18 मीटर चौड़ाई की 2.6 किमी सड़क होगी। वहीं 12 मीटर चौड़ाई की 1.1 किमी सड़क होगी। स्मार्ट सिटी के अंदर नन मोटराइज्ड व्हीकल ही चलेंगे। स्मार्ट बस शेल्टर बनाए जाएंगे। वहीं, इसके बाहरी इलाके में मल्टी लेबल कार पार्किंग भी होगी।

स्मार्ट सिटी के सीईओ जतीन कुमार सुमन से डीजे आईनेक्स्ट की बातचीत

रिपोर्टर: स्मार्ट सिटी में मात्र 35 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं?

सीईओ: ये एडमिनिस्ट्रेटिव एस्टेब्लिसमेंट का खर्च है, जो डाटा खर्च का आडिट रिपोर्ट देने के बाद जारी किया गया है।

रिपोर्टर: इस फायनांशियल ईयर में कितना खर्च का अनुमान है?

सीईओ:अभी तो काम शुरू हुआ है। टेंडर प्रॉसेस में है। नया फाइनेंशियल ईयर आने में तीन महीने का समय बाकी है, खर्च होगा।

Posted By: Inextlive