एनआइटी श्रीनगर में तनाव जारी है और ये नव निर्मित महबूबा मुफ्ती सरकार की पहली चुनौती के तौर पर सामने आया है। इस केस पर छात्रों की समस्‍याओं को समझने के लिए मानव संसाधन मंत्री स्‍मृति ईरानी आज श्रीनगर जा सकती हैं।


महबूबा के लिए चुनौती


केंद्र सरकार की एक टीम ने बुधवार को कश्मीर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दौरा किया। इस कॉलेज में एक दिन पहले ही स्थानीय और गैर-स्थानीय छात्रों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। इस तनाव ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली नवगठित गठबंधन सरकार के लिए पहली बड़ी चुनौती पेश की है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निदेशक संजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय टीम ने एनआईटी के अधिकारियों एवं प्रदर्शनकारी गैर स्थानीय छात्रों से मुलाकात की। ये छात्र दो दिनों से कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं। इनका आरोप है कि जब ये भारत समर्थक नारेबाजी करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन करना चाह रहे थे तो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन्हें लात-घूसों से मारा। घटना के बाद एनआईटी परिसर के भीतर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी एनआइटी श्रीनगर में पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए गुरुवार को श्रीनगर जाएंगी। हालांकि पहले वह 13 अप्रैल को आने वाली थी, लेकिन एनआइटी में एमएचआरडी के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में बाहरी राज्यों के छात्रों द्वारा कड़ा रुख अपनाने और एनआइटी को किसी अन्य जगह स्थानांतरित करने की मांग को देखते हुए स्मृति ने खुद छात्रों से बात करने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने एमएचआरडी के प्रतिनिधियों को 11 अप्रैल से शुरू हो रही एनआइटी की परीक्षाओं के संपन्न होने तक कश्मीर में ही रुकने का निर्देश दिया है।गैर कश्मीरी छात्र हैं परेशानी मेंछात्राओं ने बताया कि उन पर अश्लील फब्तियां कसी जाती हैं। लोग कहते हैं कि एक का रेप हो जाएगा तो बाकी सभी चुप हो जाएंगी। यहां त्योहार मनाने की इजाजत लेनी पड़ती है। अपने देश में तिरंगा लहराने की अनुमति नहीं है, अगर विरोध करो तो फेल करने की धमकी दी जाती है। चार साल की डिग्री छह साल में पूरी करने को धमकाया जाता है। कई बार तो जान से मारने की धमकियां तक मिलीं। बुधवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) श्रीनगर में हालात का जायजा लेने पहुंचे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रतिनिधियों के सामने बाहरी राज्यों के छात्र-छात्राओं का दर्द और गुस्सा उबल पड़ा।स्मृति ने कहा किसी छात्र के साथ अन्याय नहीं होगा

विद्यार्थियों ने एक-एक कर अपने साथ हुई प्रताड़ना, लाठीचार्ज व धमकियों के बारे में टीम को बताया और एनआइटी को किसी सुरक्षित जगह स्थानांतरित करने की मांग की। प्रतिनिधियों ने छात्रों को यकीन दिलाते हुए कहा कि वह अभी फैसला नहीं ले सकते। इस संदर्भ में केंद्र से बात करनी होगी। फिलहाल केंद्रीय दल श्रीनगर में ही है और गत मंगलवार को लाठीचार्ज में घायल हुए छात्रों की हालत स्थिर है। एमएचआरडी का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दोपहर को श्रीनगर पहुंचा।श्रीनगर प्रशासन की गैरमौजूदगी में की छात्रों से बातचीत आइजीपी कश्मीर एसजेएम गिलानी और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एमएचआरडी टीम ने आंदोलनरत गैर कश्मीरी छात्रों के साथ एक घंटे तक बात की। इसमें एनआइटी श्रीनगर प्रशासन का कोई अधिकारी शामिल नहीं हुआ। मीडिया को भी पूरी तरह दूर रखा गया था। हाथों में पट्टी बंधे और फूटे सिर लिए छात्रों ने हालात बताए। छात्रों ने टी-20 विश्व कप सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के हाथों भारत की हार के बाद कश्मीरी छात्रों के जश्न व पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी के बारे में बताया। साथ ही बताया कि जवाब में तिरंगा फहराने और देश हित में नारेबाजी करने के बाद उन्हें किसी तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है।मीडिया के कैंपस में प्रवेश पर रोक

एनआइटी परिसर में मीडिया के प्रवेश पर रोक जारी रही। हालांकि मीडिया को इतनी छूट जरूर थी कि वह गेट के बाहर से तस्वीरें ले सके। वहीं किसी बाहरी व्यक्ति को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली। सिर्फ छात्रों, उनके अभिभावकों, स्टाफ या सुरक्षाबलों को ही भीतर आने-जाने की अनुमति थी।

inextlive from India News Desk

Posted By: Molly Seth