इंसानों में स्‍टेमिना पावर बढ़ाने के साथ ही कैंसर की रोकथाम मे होता है इस दुर्लभ छिपकली के पाउडर का इस्‍तेमाल।

पटना: सशस्त सीमा बल (एसएसबी) के जवानों ने बिहार के किशनगंज इलाके में एक दुर्लभ प्रजाति की छिपकली के अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ कर सनसनी फैला दी है। एसएसबी के जवानों की मानें तो इस छिपकली के पाउडर का उपयोग इंसानों में स्टेमिना पावर बढ़ाने के साथ ही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और शुगर की मात्रा को कम करने की दवा बनाने के काम में लाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक छिपकली की कीमत एक करोड़ रुपए बताई जा रही है। टोके प्रजाति की इस छिपकली का निर्यात खड़ी देशों में किया जाता है।

 

एसएसबी ने दौड़ाकर दबोचा स्मगलर

सशस्त्र सीमा बल की 41वीं बटालिन के जवान बीती रात पश्चिम बंगाल से सटे नक्सलवाड़ी थाना क्षेत्र के इलाके में गश्त कर रहे थे। इस दौरान एसएसबी बटालियन के कमांडेंट राजीव राणा ने दो संदिग्ध लोगों को देखा। कमांडेंट ने जब दोनों को आवाज दी तो वह भागने लगे। इस दौरान दोनों को को जवानों ने दौड़ाकर पकड़ लिया। पहले तो दोनों एसएसबी को सांझा देने लगे। लेकिन कमांडेंट राजीव राणा ने जब कड़ाई से पूछा तो दोनों टूट गए। इसके बाद एसएसबी के जवानों के सामने तो तथ्य आये उससे सनसनी फैल गई। दोनों तस्करों के पास से एसएसबी ने एक दुर्लभ प्रजाति की छिपकली बरामद की। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस छिपकली की कीमत करीब एक करोड़ रुपए बताई जा रही है। कमांडेंट ने बताया कि Tokay lizard यानि इस छिपकली के मांस और पाउडर का प्रयोग कैंसर की रोकथाम के साथ ही सेक्स पावर बढ़ाने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। एसएसबी ने पकड़े गए तस्कर रोबिन उराव और ताराचंद उराव को बाद में नक्सलवाडी थाना पुलिस के हवाले कर दिया। कई अधिकारी मौजूद थे।


Tokay lizard को चीन भेजने के फिराक में थे तस्कर

एसएसबी के कमांडेंट का कहना कि तस्कर कोटो छिपकली को चीन भेजने की फिराक में थे। बताया जाता है कि चीन के मेडिकल क्षेत्र में इस छिपकली की अधिक डिमांड है। जिसके चलते तस्करों को मुंह मांगा पैसा मिलता है।

Posted By: Inextlive