वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की टीम मेरठ में

मेरठ में भी होगी नेवलों की पड़ताल, बस्तियों पर नजर

Meerut। नेवले के शिकारियों की जड़ें मेरठ में भी जमी हैं। ऐसे इनपुट मिलने के बाद वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने मेरठ में डेरा जमा लिया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों बिजनौर के शेरकोट में 1.30 क्विंटल नेवले के बाल ब्यूरो की टीम ने छापेमारी के दौरान मिले थे। नेवले के बालों की तस्करी के तार विदेशों से भी जुड़े हैं। करीब 20 हजार नेवलों की बलि चढ़ाकर पेंट कारोबार के लिए ब्रश तैयार किए थे।

मिले थे 1.30 क्विंटल बाल

गत दिनों बिजनौर के शेरकोट में फैक्ट्रियों से 1.30 क्विंटल नेवले के बाल बरामद किए गए थे। जिन्हें ब्रश बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। ब्रश उद्योग में रुपया कमाने के लिए हजारों नेवलों की हत्या करके उनके बालों से ब्रश बनाने का खेल चोरी-छिपे चल रहा था। वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के नेतृत्व में शेरकोट में तीन फैक्ट्रियों पर छापेमारी की गई थी। ब्यूरो ने गत 2 माह तक खुफिया इनपुट जुटाकर बिजनौर में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। 56 हजार से अधिक अधबने ब्रश भी टीम ने बरामद किए थे।

मेरठ में अलर्ट

डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि बिजनौर की घटना से नजीर लेकर मेरठ में चौकसी बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि हस्तिनापुर सेंचुरी एरिया में बड़ी संख्या में नेवले झुंड में रहते हैं। इसके अलावा कई अन्य ऐसे जंगली जानवर भी हैं जिनके बाल और खाल की तस्करी प्रचलन में है। ऐसे में सभी रेंज अफसर को क्षेत्र में गश्त बढाने के निर्देश दिए हैं तो वहीं वन्य क्षेत्रों से सटी बस्तियों में नियमित छापेमारी कर जांच-पड़ताल के लिए कहा गया है। मेरठ में हस्तिनापुर सेंचुरी एरिया, परीक्षितगढ़ रेंज में बड़ी संख्या में नेवले हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में है कीमत

नेवले के बालों वाले ब्रश अंतरराष्ट्रीय बाजार में केरबिन नाम से बेचा जाता है। शेरकोट में पकड़े गए वन्य जीव तस्करों के पास से ब्यूरो को कुछ विदेशियों के नंबर मिले हैं। ब्यूरो इन नंबर्स की डिटेल खंगाल रहा है। बाजार में नेवले के बालों से बना ब्रश तीन रुपये से लेकर 100 रुपये तक में बिकता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी मोटी कीमत शिकारियों को मिलती है।

सक्रिय हैं कई तस्कर

डीएफओ ने बताया कि नेवले के बाल तीन से पांच हजार रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचे जाते हैं। नेवले के बाल के पार्सल एयरपोर्ट पर एक्सरे आदि में भी पकड़ में नहीं आते। इसलिए तस्कर व शिकारी नेवले के बालों को देश और देश के बाहर भी आसानी से सप्लाई कर रहे हैं। डीएफओ ने बताया कि जल्द ही वन्य कर्मियों को इस संबंध में ब्यूरो द्वारा ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की टीम मेरठ में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन के लिए मूवमेंट कर रही है। नेवलों की तस्करी के बाद वन विभाग की सभी रेंज को खास चौकसी के निर्देश दिए हैं।

आदिति शर्मा, डीएफओ, मेरठ

वन्य जीवों के बारे में जानकारी दी

सत्यकाम इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने शनिवार को हस्तिनापुर वन्य जीव विहार का भ्रमण किया। वहां वन-विभाग के एवं डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने वन भ्रमण के अन्तर्गत छात्रों को जानकारियां दीं। वन रेंजर अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि अर्जुन वन विला में दुर्लभ वन्य जीवों और पक्षियों की प्रजातियां निवास करती है। यह स्थान अनेक पुराने वृक्षों की धरोहर है। वाइल्ड लाइफ वीक के तहत वन विभाग स्कूली छात्रों को हस्तिनपुर सेंचुरी का टूर करा रहा है।

संजय वन पहुंचे स्कूली छात्र

वाइल्ड लाइफ वीक के तहत शनिवार को कई स्कूलों के छात्रों ने संजय वन का भ्रमण किया। डीएफओ अदिति शर्मा के निर्देशन में छात्रों को प्रात: वन्य क्षेत्र का भ्रमण कराया गया और मौजूद वन्य जीवों और पक्षियों के बारे में विस्तृत में जानकारी दी गई। डीएफओ ने बताया कि वन विभाग हर वर्ष 1 से 6 अक्टूबर तक वाइल्ड लाइफ वीक मनाता है। इस दौरान आमजन और छात्रों को वन्य जीवों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ वन्य क्षेत्रों का भ्रमण कराया जाता है।

Posted By: Inextlive