आजकल उत्‍तर भारत में मौसम का मिजाज कुछ अजीब सा है। मैदानों में ठंड कम हो गयी है जबकि पहाड़ों पर बर्फबारी जारी है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान में फिर बढ़ोतरी हो गयी है जबकि पहाड़ी झीले जमती जा रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में घना कोहरा छाने के आसार हैं।


मैदानों में चढ़ा पारा पहाड़ों पर बर्फबारी के बावजूद उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में ठंड बेअसर है। सोमवार को तापमान में थोड़ी बहुत गिरावट आई थी पर मंगलवार को निकली तेज धूप ने फिर हल्की गरमी का एहसास करा दिया। अगले 24 घंटे में मैदानी इलाकों में घना कोहरा छाने के आसार जताए जा रहे हैं। दिल्ली में अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो सामान्य से सात डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में लोगों ने ठंड से राहत महसूस की। चंडीगढ़ में 9.8 डिग्री पारा रहा तो हरियाणा के हिसार में 10.6 डिग्री सेल्सियस। अगले कुछ समय सूखा रहेगा मौसम
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में चोटियों पर बर्फबारी के बाद मौसम ने फिर करवट बदली है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों में राज्य में मौसम शुष्क रहेगा। हिमाचल प्रदेश में सात जनवरी से हाड़ कंपाने वाली ठंड और आठ व नौ जनवरी को बर्फबारी होने की संभावना है। पश्चिमी हवाएं सक्रिय होने से ऊंचे क्षेत्रों किन्नौर, लाहुल स्पीति, पांगी आदि क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। लगतार दूसरे दिन भी बर्फबारी होने से जनजीवन प्रभावित रहा। जम्मू-कश्मीर में उच्च पर्वतीय इलाकों के साथ श्रीनगर और अन्य निचले इलाकों में भी बर्फबारी हुई थी। श्रीनगर में यह मौजूदा सर्दियों की पहली बर्फबारी थी। गुलमर्ग व अन्य उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी मंगलवार भी जारी रही। निचले इलाकों में रुक-रुक कर बारिश होती रही। बर्फीली हवाओं ने लोगों को ठंड का भरपूर अहसास कराया। पहलगाम व गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान 0.0 व -5.2 जबकि लद्दाख प्रांत के करगिल व लेह क्षेत्र में न्यूनतम तापमान -5.6 व -5.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। कुछ जगहों पर यातायात रुका उच्च पर्वतीय इलाकों में हुई भारी बर्फबारी के चलते बांडीपोर-गुरेज व कुपवाड़ा-टंगडार रोड सोमवार देर शाम यातायात के लिए बंद किए गए। अलबत्ता वादी को देश व शेष दुनिया से मिलाने वाला 300 किमी लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग मंगलवार दूसरे दिन भी वाहनों की आवाजाही के लिए खुला रहा।जम गयी सरयोलसर झील


वहीं पहाड़ पर सर्दी का प्रकोप कितना है कि इसका अंदाजा कुल्लू की धार्मिकस्थली सरयोलसर की झील से लगाया जा सकता है, जो आजकल शीशे की भांति जम गई है। समुद्रतल से 10500 फुट की ऊंचाई पर स्थित माता के बूढ़ी नागिन की वासस्थली सरयोलसर झील लोगों के आकर्षक का केंद्र बनी हुई है। हालांकि माता बूढ़ी नागिन का कपाट दिसंबर से बंद हैं लेकिन बर्फ से ढकी सरयोलसर की वादियां व शीशे की भांति जमी झील लोगों को आकर्षित कर रही हैं।

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Posted By: Molly Seth