-आई एक्सक्लूसिव

-खुफिया रिपोर्ट में साउथ सिटी के एरिया में गैंगवार की जताई गई आंशका, कई बड़े अपराधी यहां डाले हैं डेरा, बदला लेने के लिए कर सकते हैं बड़ी वारदात

-बेहद घना इलाका होने का अपराधियों को मिलता है फायदा, यहीं से पकड़ा गया था मोस्ट वांटेड पहाड़ी, बनारसी के भी यहीं छिपे होने की चर्चा

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KANPUR : नौबस्ता में बुधवार को मो। आजम पर कातिलाना हमला कर्नलगंज में हिस्ट्रीशीटर सईद नाटे की हत्या का बदला लेने के लिए किया गया? यह बात इसलिए मायने रखती क्योंकि मो। आजम का बड़ा भाई जाने आलम, साला रफीक, सईद नाटे की हत्या के आरोप में अब भी जेल में हैं। परिजनों के मुताबिक हमला करने वालों में सईद नाटे का भाई वसीक, इजराइल आटेवाला भी श्ामिल थे।

कई अपराधियों की लोकेशन मछरिया में

मो। आजम और जाने आलम का परिवार 6 साल पहले नौबस्ता शिफ्ट हुआ है, ये सब पहले कर्नलगंज में ही रहते थे। इनकी भी लंबी चौड़ी कहानी रही है। इसलिए यह वारदात बदले के लिए की गई। चमनगंज के रहने वाले फुरकान के मर्डर के बाद एक बार फिर शहर के क्राइम व‌र्ल्ड में सनसनी फैल चुकी है। मर्डर के बाद सिटी के घनी आबादी वाले मछरिया में गैंगवार के आसार पहले ही बन चुके थे। खुफिया रिपोर्ट की माने तो सईद नाटे की हत्या का बदला लेने के लिए उसके गैंग के गुर्गे अब आमने-सामने गैंगवार के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसके लिए उन्होंने घनी आबादी वाले साउथ के मछरिया को चुना है। खुफिया की रिपोर्ट भी यही बता रही है कि घनी आबादी वाले एरिया में कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। यहां पुलिस को कई बड़े अपराधियों की लोकेशन मिल चुकी है।

नई सड़क की तरह खतरनाक

नौबस्ता का मछरिया इलाका बुधवार को हुए गैंगवार से एक बार फिर चर्चा में आ गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक करीब डेढ़ दशक पहले बसा यह इलाका अब अपराधियों का गढ़ बन गया है। अपराधियों की चहलकदमी से यह इलाका कभी खूनी सड़क के नाम से जाने वाली नई सड़क की तरह खतरनाक हो गया है। जिससे पुलिस भी अब इस एरिया में जाने से बचने लगी है। जिसका फायदा उठाकर अपराधी यहां पर सट्टा जुआं अवैध असलहे की खरीद-फरोख्त समेत हर जरायम करते हैं। कई बार पुलिस यहां पर अपराधियों की धरपकड़ भी कर चुकी है।

अपराधियों के लिए बना सेफ जोन

खुफिया की रिपोर्ट भी बताती है कि मछरिया इलाके में डेढ़ दशक पहले बेहद कम आबादी थी, लेकिन अब इस एरिया में शायद ही कोई जगह खाली पड़ी हो। पहले यहां पर जमीन के रेट कम थे। पुलिस से बचने के लिए कई शातिर अपराधी यहीं पर जमीन खरीदकर बस गए। पुलिस के मुताबिक अपराधियों ने यहां धीरे-धीरे रिश्तेदार और गुर्गो को भी यहां पर जमीन दिलाकर बसा दिया। जिससे धीरे-धीरे यह इलाका बेहद घना हो गया। अपराधी पुलिस से बचने के लिए घने इलाके में रहना पसन्द करते हैं, जिसके चलते अब अपराधी शहर से हटकर यहां शिफ्ट होने लगे हैं।

पकड़ा गया था मोस्ट वांटेड पहाड़ी

शहर में एक दशक पहले अपराधी वारदात के बाद पुलिस से बचने के लिए गंगा कटरी और उन्नाव भाग जाते थे। वे वहीं पर फरारी काटते थे, लेकिन अब अपराधियों के लिए फरारी काटने के लिए मछरिया सबसे सुरक्षित अड्डा बन गया है। यहां पर रहकर वे शहर में गुर्गो के टच में भी रहते हैं। इसकी पुष्टि मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी से पकड़े जाने से हो गई थी। पुलिस उसको ढूढ़ने के लिए मुंबई और नेपाल की खाक छान चुकी थी, लेकिन वो मछरिया में एक कबाड़ी के घर पर छुपा था। एसटीएफ ने उसे यहीं से दबोचा था। यहीं पर मोस्ट वांटेड रईस बनारसी के भी छिपकर फरारी काटने की भी चर्चा है। यहां पर सटे हुए मकान और तंग गलियां होने का अपराधी फायदा उठाते हैं। वे पुलिस दबिश पर दूसरे मकान में छत और फिर गलियों के रास्ते से भाग जाते हैं।

मछरिया में हर क्राइम की दस्तक

मछरिया में सट्टा जुआ से लेकर हर जरायम होता है। यहां पर एक्टिव अपराधी मकानों के अन्दर तमंचा फैक्ट्री चला रहे हैं। अब इस एरिया में स्मैक और चरस की भी खरीद-फरोख्त होने लगी है। वाहन चोरों का गिरोह गाड़ी चोरी करने के बाद उसे काटने के लिए यहां पर ही लाते हैं। यहां पर कुछ ही घंटे में गाड़ी को खोलकर पा‌र्ट्स अलग कर दिए जाते हैं। यहां पर सट्टा इतना फैल गया है कि बच्चे तक नम्बर खेलने लगे हैं।

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पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। अपराधियों की धरपकड़ के लिए कई स्पेशल टीमें एक्टिव हैं। किसी भी सूरत में क्रिमिनल्स पुलिस से बच नहीं पाएंगे। पब्लिक भी अलर्ट रहे। अगर किसी क्रिमिनल्स के बारे में कोई सूचना किसी के पास हो तो वो 100 नंबर या फिर एक नंबर भरोसे पर दें। उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा।

-आशुतोष पांडेय, आईजी, कानपुर जोन

Posted By: Inextlive