तो संजीवनी के सुनहरा दौर वापस लाने की तैयारी
- हॉस्टल और स्पोर्ट्स कॉलेज में ट्रेनी खिलाडि़यों पर सरकार हर साल 80 हजार से अधिक रुपए खर्च कर रही।
- खेल विभाग की देखरेख में हर साल हॉकी के नेशनल और स्टेट टूर्नामेंट कराए जा रहे हैं। - स्पोर्ट्स हॉस्टल और स्पोर्ट्स कॉलेज में दी जा रही है हॉकी के खिलाडि़यों को ट्रेनिंग - एक खिलाड़ी पर सालाना 80 हजार रुपए तक खर्च कर रहा है खेल विभागLUCKNOW : देश को केडी सिंह बाबू, मो। शाहिद, रविंद्र पाल और डॉ। आरपी सिंह जैसे खिलाड़ी देने वाले यूपी का पुराना दौर वापस लाने के लिए तेजी से कोशिशें हो रही हैं। कहीं पुराने दिग्गज मैदान में ट्रेनिंग के लिए उतरने को तैयार हैं। तो दूसरी ओर खेल विभाग भी उनके कंधे से कंधा मिलकर हॉकी की सेहत सुधारने में जुटा है। खिलाडि़यों की प्रैक्टिस के लिए टर्फ उपलब्ध कराया गया है, साथ ही खाने-पीने की व्यवस्था भी फ्री की जा रही है।
नहीं रख रहे कोई कमीप्रदेश में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग खिलाडि़यों पर अच्छा खासा बजट खर्च कर रहा है। चार से छह जगह हॉकी खिलाडि़यों को ट्रेनिंग देने के लिए सेंटर खोले गए हैं। खाने के साथ उन्हें हॉकी और बाकी किट भी फ्री उपलब्ध कराई गई है। हॉकी को बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग की तरफ से जिला, स्टेट और नेशनल लेवल पर कंप्टीशन भी कराए जा रहे हैं।
टर्फ की समस्या दूर प्रदेश में हॉकी की ट्रेनिंग के लिए टर्फ की समस्या भी अब दूर हो चुकी है। कंप्टीशन का आयोजन तो टर्फ पर हो ही रहा है, वहीं ट्रेनी को भी टर्फ पर ही हॉकी के गुर सिखाए जा रहे हैं। प्रदेश में अभी 9 टर्फ मौजूद हैं, जिसमें से दो राजधानी में हैं। इन टर्फ पर यहां जूनियर वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें भारत ने चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। राजधानी के अलावा टर्फ की सुविधा रामपुर, रायबरेली, वाराणसी, झांसी, आगरा और सैफई में उपलब्ध है। वहीं गोरखपुर में टर्फ लगाने का काम चल रहा है। बाक्स प्रदेश में हॉकी हॉस्टल ब्वॉयज हॉस्टल और खिलाड़ी शहर खिलाड़ी रामपुर-27 लखनऊ-28 सैफई -27 वाराणसी- 27 - लखनऊ स्पोर्ट्स कॉलेज और सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज में भी ट्रेनिंग दी जा रही है। गर्ल्स हॉस्टल शहर खिलाड़ी लखनऊ-25 - गोरखपुर स्पोर्ट्स कॉलेज में भी गर्ल्स को हॉकी ट्रेनिंग दी जा रही है। कोटगोरखपुर में टर्फ बिछाने का काम चल रहा है। यह जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके बाद प्रदेश में टर्फ की कमी नहीं रहेगी। स्टेट लेवल की प्रतियोगिताएं भी टर्फ पर कराई जा रही हैं।
डॉ। आरपी सिंह खेल निदेशक