1 सितंबर सेदेश में देश में नए मोटर व्हीकल एक्ट का प्रोविजन लागू हाे गए हैं। ट्रैफिक रूल वॉयलेशन पर कम्यूनिटी सर्विस का पनिशमेंट दिया जा सकता है। हालांकि इस एक्ट के इस प्रावधान को तय करने की राज्य सरकार को छूट दी गई है।


देहरादून (ब्यूरो)। 1 सितंबर से देश में लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट में लोगों को सुधारने के लिए सोशल पनिशमेंट का भी प्रावधान है। सोशल पनिशमेंट में रूल्स वॉयलेशन करने वाले से सफाई, बुजुर्गों की सेवा, सड़क पर ट्रैफिक रेगुलेट कराने जैसे काम कराए जाएंगे। नए मोटर व्हीकल एक्ट में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों को 10 गुना तक जुर्माना भरने के साथ ही सोशल पनिशमेंट भी दिया जा सकता है, ताकि उन्हें फिर नियम तोड़ने से पहले पनिशमेंट हमेशा याद रहे। इस हालांकि, इस प्रावधान को राज्य सरकारों की ओर से तय किया जाना है।एक्ट में है प्रावधानद न्यू मोटर व्हीकल्स (अमेंडमेंट) एक्ट-2019 में सेक्शन 200 के सब-सेक्शन (1) बी में प्रावधान है कि राज्य सरकार पैनल्टी अमाउंट के साथ ऑफेंडर को स्पेशल टाइम पीरियड के लिए कम्युनिटी सर्विस का पनिशमेंट देना तय कर सकती है। पैनल्टी के साथ कम्युनिटी सर्विस टास्क
न्यू मोटर व्हीकल एक्ट लागू होते ही 10 गुना तक बढ़ी नई चालान दरों को लेकर वाहन चलाने वालों में डर है। ट्रैफिक रूल्स को तोड़ने पर भारी भरकम चालान के डर से वाहन चलाने वाले अपने दस्तावेज अपडेट करने लगे हैैं और ड्राइविंग में एहतियात बरत रहे हैैं।  लेकिन, इस बात से अभी भी वाहन चालक अवेयर नहीं हैैं कि नए एक्ट में न केवल चालान की दरें बढ़ाई गई हैैं, बल्कि सोशल पनिशमेंट का प्रावधान भी किया गया है। ट्रैफिक रूल का वॉयलेशन करने पर ऑफेंडर को पैनल्टी के साथ-साथ कम्युनिटी सर्विस का टास्क दिया जा सकता है। यह है सोशल पनिशमेंटऑफेंडर को सोशल पनिशमेंट के तहत कोई भी टास्क दिया जा सकता है। जैसे किसी वृद्धाश्रम में सीनियर सिटीजंस की सेवा करवाई जा सकती है या फिर ट्रैफिक पुलिस की हेल्प करवाई जा सकती है। इसी तरह दिव्यांगों की हेल्प करवाई जा सकती है या फिर प्लांटेशन करने को कहा जा सकता है। हालांकि, ऑफेंडर को पनिशमेंट के रूप में क्या टास्क दिया जाना है, इसका निर्णय ट्रैफिक रूल्स का पालन कराने वाले अधिकारी को लेना होगा। ताकि याद रहे सबकदून के एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि ट्रैफिक रूल्स का वॉयलेशन करने पर ऑफेंडर अक्सर पैनल्टी भरकर भूल जाता है और दोबारा वॉयलेशन की गलती रिपीट करता है। ऑफेंडर दोबारा वॉयलेशन न करे, ट्रैफिक रूल्स के प्रति अवेयर रहे और उसे यह सबक याद रहे इसके लिए सोशल पनिशमेंट का प्रावधान है।


'संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट पूरे देश में लागू हो गया है। इसमें ट्रैफिक रूल्स का वॉयलेशन करने वालों से तय पैनल्टी तो वसूल की ही जाएगी, उन्हें कंपल्सरी कम्यूनिटी सर्विस का पनिशमेंट भी दिया जाएगा। यह सजा देने का राइट संबंधित ऑफिसर का होगा।'- अरविंद पांडेय, एआरटीओ, देहरादूनपैनल्टी के साथ ये सोशल पनिशमेंट- 1 से 2 घंटे तक चौराहे पर ट्रैफिक रेगुलेट कराना- चाइल्ड शेल्टर होम या वृद्धाश्रम में सेवा या सफाई- सीनियर सिटीजंस और दिव्यांगों को सड़क पार कराना- प्लांटेशन और एनवायरमेंट अवेयरनेस- हॉस्पिटल में पेशेंट्स की केयर की जिम्मेदारीdehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive