-- जानकारी से लेकर कार्रवाई तक हुई पारदर्शी

--ट्विटर, वाट्सअप कर रहे एडमिनिस्ट्रेशन की सहायता

--अफवाहों को छोड़ दें तो है वरदान

-- दवा से लेकर राशन तक पहुंचाने में मिल रही मदद

लॉकडाउन में सोशल साइट्स कई लोगों के लिए बड़ा सहारा बन गए हैं। ट्वीटर के जरिए जहां बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान हो रहा, वहीं कई व्हाट्सएप ग्रुप पर सूचनाएं चलने के बाद जरूरतमंदों, बुजुर्गो तक राशन और दवाइयां पहुंचायी जा रही हैं। सरकारी तंत्र से लेकर आम लोगों तक के लिए ट्वीटर सबसे बड़ी राहत लेकर आया है। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्वीटर पर सर्वाधिक सक्त्रिय हैं। कोरोना वायरस संक्त्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान सीएम और पूरी सरकार ट्वीटर के जरिए जहां बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान कर रही है, वहीं कई व्हाट्सएप ग्रुप पर सूचनाएं चलने के बाद जरूरतमंदों, बुजुर्गो तक राशन और दवाएं भी पहुंचायी जा रही हैं।

कॉन्टैक्ट का सशक्त माध्यम

झारखंड के मजदूर जो राज्य के बाहर अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। उनके लिए भी ट्वीटर बड़ा माध्यम बना है। राज्य के जनप्रतिनिधि ट्वीटर के जरिए ही बाहर के जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर राहत का इंतजाम करवा रहे हैं। यह कांटेक्ट का सशक्त माध्यम बन चुका है। साथ ही पारदर्शिता का पालन करने पर लोगों को भी इसकी जानकारियां तत्काल मिल रही हैं।

ट्वीटर से राहत

सरकारी तंत्र से लेकर आमलोगों के लिए ट्वीटर सबसे बड़ी राहत लेकर आया है। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्वीटर पर सर्वाधिक सक्त्रिय हैं।

केस-1

चाईबासा की 200 लड़कियों के तमिलनाडू के एक गारमेंट फैक्ट्री में बंधक होने की बात सामने आयी थी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट पर पूरे मामले की जानकारी तमिलनाडू के मुख्यमंत्री को दी, जिसके बाद वहां से इनकी रिहाई हो पायी।

केस-2

ललपनिया में रहने वाले सोहराय मांझी और उनकी पत्नी के यहां राशन नहीं होने की वजह से चूल्हा नहीं जलने की खबर आई थी। इस ट्वीट को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। इसके बाद बोकारो डीसी मुकेश कुमार ने एक घंटे के भीतर ही सोहराय मांझी के घर पर 35 किलोग्राम चावल, दो किलो दाल, चार किलो आलू, नमक और तेल उपलब्ध कराया।

केस-3

पलामू के पाटन निवासी शफीम ने ट्वीटर पर मुख्यमंत्री को बताया कि बंगलुरू में झारखंड के 40 मजदूर फंसे हुए हैं। ट्वीट पर कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कर्नाटक के प्रभारी अधिकारी को आदेश दिया कि वह मजदूरों को निकालने और उनके राहत का इंतजाम करें। 181 को भी इस संबंध में कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री ने लिखा।

केस-4

इसी तरह देवघर देवीपुर के 16 मजदूरों के ओडिशा के बालेश्वर जिले में फंसे होने की सूचना मिली थी। सीएम ने ट्वीटर पर ही ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मदद मांगी, जिसके बाद मजदूरों तक राहत पहुंचायी गई।

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व्हाट्सएप ग्रुप भी बड़ा मददगार

रांची शहर में ही हेल्पलाइन हैंड, कोरोना क्त्राइसिस टीम जैसे व्हाट्सएप ग्रुप चलाए जा रहे हैं। दोनों ही ग्रुप में सदस्यों को अनाज और राशन की जरूरत को लेकर जो सूचनाएं आती हैं। उस पर सदस्य तत्काल कार्रवाई करते हैं। शहर के युवाओं द्वारा चलाए जा रहे इन व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लॉकडाउन में फंसे बुजुर्गो को काफी राहत पहुंचायी गई है। जरूरत पड़ने पर कोरोना क्त्राइसिस टीम के सदस्यों ने ऑनलाइन क्त्राउड फंडिंग कर भी जरूरतमंदों की मदद की।

एडमिनिस्ट्रेशन कर रहा यूज

डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन व्हाट्सएप से लेकर फेसबुक और खासतौर पर ट्वीटर का जबरदस्त उपयोग कर रहा है। इनके माध्यम से लोगों तक जारी किये गए निर्देशों को पहुचाया जा रहा है। वहीं कई जानकारियां जैसे हेल्पलाइन नम्बर्स, सील एरिया, वॉलेंटियर्स की जानकारियां आदि भी अवेलेबल कराई जा रही हैं।

जिला प्रसाशन सोशल साइट्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा कर लोगों से सम्पर्क कर उन्हें जरूरी जानकारियां और निर्दशों से अवगत करा रहा है। लोग अफवाह ना फैलाएं तो यह वरदान साबित हो रहा है।

-राय महिमात रे, डीसी, रांची

Posted By: Inextlive