Bareilly: संडे को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार हुआ. अगले दिन बरेली की प्रबुद्ध जनता ने साबित कर दिया कि वह ऐसे अराजक तत्वों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. कई जगह बैठकें हुईं. एसोसिएशन और सभ्रांत बरेलियंस ने न सिर्फ कांग्रेस कैंडीडेट की गुंडागर्दी की निंदा की बल्कि निकट चुनाव में आरोपी कैंडीडेट को वोट कास्ट न करने का डिसीजन भी लिया.


सभाओं में जुटे बरेलियंस कांग्रेस कैंडीडेट द्वारा ओपेन फोरम के दौरान की गई तोड़ फोड़ और गुंडागर्दी की युवा लोधी सभा ने भत्र्सना की है। उन्होंने आम सभा बुलाकर ऐसे अराजक कैंडीडेंट्स को चुनाव मैदान से बाहर रखने की अपील की। इसके अलावा पंजाबी महासभा युवा इकाई ने भी लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर जानलेवा हमला करने वालों की निंदा की है। महासभा के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह बेदी ने कहा कि युवाओं को राजनीति में आना चाहिए। साथ ही अमजद सलीम जैसी शैतानी ताकतों पर प्रहार होना चाहिए। इन सभाओं में बड़ी संख्या में बरेलियंस ने शिरकत की। CCTV फुटेज बनी सबसे बड़ी कड़ी


शहर के विकास के एजेंडे पर बातचीत करने के लिए आई-नेक्स्ट द्वारा आयोजित ओपन फोरम में अमजद सलीम और उसके समर्थकों ने अचानक जिस तरह प्लांड तरीके से हंगामा किया वह सब वाकया सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया। अमजद सलीम को शायद इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि होटल डिप्लोमेट के हॉल में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन कैमरों में होटल में हुए एक-एक घटनाक्रम की तस्वीरें कैद हो गई। इन फुटेज ने ही पुलिस को राह दिखाई और सबकुछ आइने की तरह साफ हो गया। पुलिस अब इन फुटेज के आधार पर ही हंगामा और तोडफ़ोड़ करने वालों की तलाश में जुटी है।दर्जन भर ही जुटे समर्थकबरेली के लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी के जिस हरकत को करीब से महसूस किया उसका रिफ्लेक्शन अमजद सलीम की गिरफ्तारी के वक्त देखने को मिला। अपने आप को कांग्रेस का बड़ा नेता कहने वाले प्रत्याशी के गिरफ्तार होने के बाद मुट्ठी भर समर्थक प्रायोजित तरीके से कोतवाली में जुटे। थोड़ी देर नारेबाजी करते रहे और थक हार कर वापस अपने घरों की ओर चले गए। कांग्रेस के सभी बड़े और प्रतिष्ठित नेताओं ने मामले से अपनी दूरी बना ली और किसी भी तरह का बयान देने से भी बचते रहे। आम आदमी की दिक्कतों और डेवलपमेंट के मुद्दों पर हो रही चर्चा में तोड़ फोड़ करके अमजद सलीम ने अपना आपराधिक चेहरा उजागर कर दिया है। हम लोधी समाज से अपील करते है कि इन्हें वोट न दें। अपराधियों को मेयर नहीं बनाया जा सकता।-गौरव, युवा लोधी सभासभा से पहले ही सब प्लान कर लिया गया था कि उपद्रव करना कैसे है। ओपेन फोरम में शहर का प्रबुद्ध वर्ग शामिल हुआ था। मारपीट और उपद्रव की यही परिणति होनी थी। निर्वाचन आयोग की कार्रवाई सर्वथा उचित है.  -मो। खालिद जिलानी, एडवोकेट

शहर के दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और निर्दोष जनता पर दोष नहीं लगाना चाहिए। जो हुआ वो कानून की वास्तविक जीत है। भारतीय कानून इसी पर आधारित है। जो असलियत में दोषी थे, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई हो गई है.  -अमर भारती, बार एसोसिएशन जो हुआ वह उचित है। इस निंदनीय घटना के बाद यही कार्रवाई होनी चाहिए। समाज के दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए थी। निर्वाचन आयोग को भी ऐसे कैंडीडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.  -जेसी पालीवाल, कल्चरल एसोसिएशन ये घटना नहीं एक इम्तिहान था, जिसमें गुंडा प्रत्याशी उजागर हो गया। गिरफ्तारियों ने समाज को सही संदेश दिया है। पुलिस की भूमिका भी सराहनीय है। समय पर कार्रवाई करके पुलिस ने समाज में अपनी छवि सुधारने का काम किया है। -अनिल कुमार, साहित्यकार पेशे से एडवोकेट ने ही आचार संहिता लागू होने के बावजूद कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा देना दुखद है। ऐसे कैंडीडेट को वोट नहीं देना चाहिए। पत्रकारिता पर हमले की दोषियों को सही सजा मिली है। इनकी तो सदस्यता भी कैंसिल हो जानी चाहिए।-महेश, मढ़ीनाथ

यदि कोई व्यक्ति गलती करता है तो भारतीय संविधान के तहत उस पर कानूनन कार्रवाई होनी चाहिए। अगर अराजक तत्वों पर दंडनात्मक कार्रवाई नहीं होती है, तो ये समाज अपनी मूल स्थिति में नहीं बचेगा। कानून अपना काम कर रहा है। हमें कानून पर पूरा भरोसा है। -डॉ। आईएस तोमर पूरा घटनाक्रम ओपेन था। समाज के सज्जन और भद्र व्यक्तियों को इन अराजक तत्वों से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। पुलिस और कानून अपना काम ईमानदारी से करें तो अपराधी सलाखों के पीछे ही होंगे। कानून और समाज को साथ मिलकर प्रयास करने होंगे.   -गुलशन आनंद, बीजेपी कैंडीडेट हिंसा करना गलत है। जिसने की उसे करनी का दंड मिला। गलत काम करने वाले को फल मिलता ही है। पुलिस ने भी बेहतर रोल प्ले किया। अगर अराजक तत्वों पर शिकंजा नहीं कसा जाएगा तो सिटी में क्राइम रेट बढ़ता जाएगा। जिसे कतई परमिट नहीं किया जा सकता है.  -ऊषा अग्रवाल

Posted By: Inextlive