इफ्तार में शरबत हो शामिल, तो क्या बात है..
- इफ्तार में कई किस्म के शरबत और शेक के होते हैं शामिल
- घरों के दस्तरख्वान में शरबतों को मिल रही खास तवज्जो ALLAHABAD: रमजान के पाक महीने में लोग खुदा की इबादत करते हैं और रोजा रखकर अपना फर्ज पूरा करते हैं। रमजान में रोजे के साथ ही इफ्तार की भी खास अहमियत है। इसलिए रमजान के महीने में जायकों की अहमियत और बढ़ जाती है, क्योंकि दिनभर रोजा रखने के बाद रोजेदार अच्छे से अच्छा खाना चाहते हैं। जायकों की इसी फेहरिस्त में नाम आता है शरबतों का। रमजान में घरों का दस्तरख्वान शरबतों के बिना पूरा ही नहीं होता। बनी रहती है तरावटरोजे के कड़े नियमों और भीषण गर्मी रोजेदारों के लिए एक कड़ी परीक्षा होती है। ऐसे में शाम को इफ्तार के समय राहत देने में सबसे अधिक मददगार शरबत या शेक ही होता है। इसलिए इफ्तार के दौरान लोग इनका सबसे अधिक सेवन करते हैं। इससे शरीर में तरावट बने रहने के साथ ही गर्मी से भी निजात मिलती है। शरबत काफी हद तक शरीर का ग्लूकोज मेंटेन रखने में भी मददगार साबित होता है। इस कारण इफ्तार के दौरान रोजेदारों की ये पहली पसंद बना रहता है। लगभग सभी घरों में इसका प्रयोग किया जा रहा है।
नींबू और गुलाब सबका फेवरेट
भीनी-सी खुशबू और हल्के गुलाबी रंग से पहचाना जाने वाला गुलाब का शरबत शायद ही किसी घर में न बनता हो। यह शरबत हर एज ग्रप का हमेशा से फेवरेट रहा है। आज भी इसकी अहमियत उतनी ही बरकरार है। इस समय मार्केट में कई कम्पनियों के गुलाब के क्रंच मिलते हैं, जिसे पानी में चीनी के साथ घोल देने पर शरबत तैयार हो जाता है। कुछ लोग इसमें दूध भी मिलाते हैं। इसके अलावा सबसे आसान और जायकेदार नींबू का शरबत है, जो पानी में चीनी और नींबू मिलाने भर से तैयार हो जाता है। आज भी यह लोगों का अजीज है। इसके अलावा आजकल मिक्स फ्रूट और मैंगो शेक भी दस्तरख्वान की रौनक बढ़ा रहे हैं। दिन भर रोजा रहने के बाद शरबत और शेक रोजेदारों को ठंडक की राहत देने के साथ ही तरोताजा भी रखती है। बादाम और पिस्ते का शाही शरबतरमजान में बादाम और पिस्ते का भी शरबत भी खूब बनता है। शगुन कलेक्शन के ओनर अकरम बताते हैं कि दूध में चीनी बादाम और पिस्ते को पीसकर मिलाया जाता है। इसके बाद केसर डालकर इसे सर्व किया जाता है। इसे कई जगह ठंडई भी कहा जाता है। यह जायके के साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। वे बताते हैं कि इफ्तार में आने वाले लोगों की भी ये पहली पसंद है। इसके साथ ही मुख्य रूप से आम का पना, शिकंजी और फालसे का शरबत लोगों की पसंद में शामिल है। पानी में नींबू, काला नमक और सोडा मिलाकर बनाई जाने वाली शिकंजी भी लोगों को जायका बढ़ाने के साथ ही उनका हाजमा भी दुरुस्त रखती है।