-डीपीएस आजाद नगर के मेरीटोरियस को टेंथ में भी टेन सीजीपीए मिला था

-12 से 13 घंटे डेली करता है पढ़ाई, हिन्दी का एनवीडीए सॉफ्टवेयर पर देगा पेपर

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KANPUR : टेक्निक ने दिव्यांगों को भरपूर सहारा दिया है। इसकी वजह से उनकी जिंदगी भी काफी आसान होती जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी दिव्यांगों के लिए नई-नई तकनीक उम्मीद की नई किरण बन कर आ रही हैं। दिल्ली पब्लिक स्कूल आजाद नगर के ट्वेल्थ क्लास का मेरीटोरियस स्टूडेंट आर्जव जैन सीबीएसई बोर्ड में कम्प्यूटर पर पेपर दे रहा है। वह जॉज सॉफ्टवेयर पर बोर्ड एग्जाम्स दे रहा है। जिसके बाद प्रिंट आउट निकाल कर उसकी आंसरशीट बोर्ड को भेजी जा रही है। सॉफ्टवेयर पहले पेपर रीड करता है फिर आर्जव जैन ईयर फोन से क्वैश्चन सुनता है, इसके बाद वह कम्प्यूटर पर सवालों के उत्तर लिखता है। इंटरमीडिएट में अच्छे मा‌र्क्स से पास करने के बाद वह सेंट स्टीफेन कॉलेज दिल्ली में एडमिशन लेना चाहता है, इसके लिए वह डेली 12 से 13 घंटे पढ़ाई कर रहा है।

बालश्री पुरस्कार मिला

छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर सेक्शन के राजीव जैन का इकलौता बेटा आर्जव जैन भले ही नेत्रहीन दिव्यांग हो, लेकिन उसके अंदर प्रतिभा का जबरदस्त संगम है। इयर 2013 में वह दिव्यांग कैटेगिरी में नेशनल टॉपर बना था। एमएचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने इस मेधावी को प्रशस्ति पत्र दिया था। इस मेरीटोरियस को 3 फरवरी को क्रिएटिव परफॉर्मेस की वजह से बालश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

पेपर देना वाले देश का पहला छात्र

आर्जव का ट्वेल्थ का सेंटर गुरुनानक मॉर्डन स्कूल में पड़ा है। जहां पर उसे जॉज सॉफ्टवेयर से लैस कम्प्यूटर सिस्टम अवलेबल कराया गया है। सेंटर इंचार्ज प्रिंसिपल बलविन्दर कुमार ने बताया कि जॉज सॉफ्टवेयर पहले क्वेश्चन पेपर रीड करता है, जिसके बाद आर्जव जैन इयर फोन के माध्यम से सुनता है। इसके बाद वह कम्प्यूटर पर पेपर सॉल्व करता है। सॉल्व पेपर का प्रिंटआउट निकाल कर बोर्ड को भेजा जाता है। हिन्दी का पेपर एनवीडीए सॉफ्टवेयर पर देने वाला आर्जव देश का पहला छात्र होगा।

ई-टेक्स्ट बुक बनीं वरदान

आर्जव जैन ने बताया कि जब वह पढ़ाई से ऊब जाता है तो वह म्यूजिक सुनकर अपने आपको रीफ्रेश करता है। आमतौर पर वह डेली 5 से 6 घंटे पढ़ता है, लेकिन बोर्ड एग्जाम के टाइम 12 से 13 घंटे पढ़ रहा है। घर पर उसे ई-टेक्स्ट बुक्स उपलब्ध कराई गई हैं। अभी तक वह इंग्लिश व हिस्ट्री का पेपर दे चुका है। 11 मार्च को होने वाले हिन्दी के पेपर की तैयारी में जुटा है। मां प्रज्ञा जैन बेटे की हर सुविधा का ख्याल रखती हैं। वह म्यूजिक की फील्ड में अपना करियर बनाना चाहता है।

Posted By: Inextlive