-ऑफिस में लगे सोलर प्लांट की क्षमता के बराबर जेनरेट नहीं कर पा रहे बिजली

-रोजाना 480 किलोवॉट बिजली होनी थी जेनरेट, लेकिन 80 किलोवॉट ही बन रही बिजली

BAREILLY:

शहर की हवा में उड़ती धूल और धुंध से एक बड़ा नुकसान हो रहा है जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं। अधिकारियों की अनदे2ाी और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते विकास 5ावन और कले1ट्रेट में लगे मिनी सोलर ग्रिड पॉवर प्लांट अपनी क्षमता का सिर्फ 25 परसेंट ही सौर ऊर्जा का उत्पादन कर पा रहे हैं। प्लांट से रोजाना करीब 4 सौ किलोवाट बिजली का नुकसान हो रहा है। जो करीब दो सौ घरों की रोजाना बिजली आपूर्ति की जा सकती थी। आ2िार कैसे अधिकारी की अनदे2ाी से घरों में अंधेरा छाया हुआ है, पढि़ए

2ाुद 5ाी बिजली को तरस रहे

विकास 5ावन और कले1ट्रेट में लगे मिनी सोलर पॉवर ग्रिड के जरिए न सिर्फ अपने वि5ागों में बिजली आपूर्ति करने बल्कि ग्रिड को ट्रांसफर सैकड़ों किलोवाट बिजली को बेचने की योजना थी। बिजली बेचना तो दूर विकास 5ावन और कले1ट्रेट अपने ही वि5ागों को बिजली आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। विकास 5ावन को मंथली करीब 1 हजार वहीं, कले1ट्रेट को 7 सौ किलोवाट बिजली चाहिए जिसे 5ाी पूरा करने में पॉवर ग्रिड असमर्थ साबित हो रहे हैं। वजह है सोलर पॉवर ग्रिड के 230 पैनल्स पर जमी धूल और धुंध की मोटी परत।

75 परसेंट क्षमता है प्र5ावित

नेडा परियोजना निदेशक के मुताबिक कले1ट्रेट और विकास 5ावन में लगे पॉवर ग्रिड लगाने की जि6मेदारी नेडा की थी, लेकिन उसकी साफ सफाई की जि6मेदारी संबंधित वि5ाग को करनी है। बताया कि सोलर पॉवर ग्रिड के पैनल्स पर धूल जमने से इनकी क्षमता में करीब 75 परसेंट की गिरावट दर्ज की जा रही है। करीब 480 किलोवाट प्रतिदिन बिजली उत्पादन की क्षमता 80 किलोवाट दर्ज की जा रही है। 400 किलोवाट का प्रतिदिन बिजली उत्पादन का नुकसान हो रहा है। वि5ागीय उपयोग के बाद करीब 360 किलोवाट से ज्यादा बिजली वि5ाग बेच सकते हैं।

6 माह से जम रही धूल

न्यू एंड रिन्यूअल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी 'नेडा' को प्रोजे1ट तैयार करने के निर्देश वर्ष 2016 में मिले थे। नेडा ने करीब दो करोड़ रुपए का प्रोजे1ट कर इंदौर की उजास एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को प्लांट लगाने का काम सौंपा था। मई में दोनों ही जगहों पर प्लांट को संचालित कर दिया गया है। जिसे प्रत्येक 15 दिन में साफ किए जाने की सुझाव नेडा अधिकारियों ने दिया था लेकिन हैरत की बात है कि करीब 6 माह गुजर चुके हैं लेकिन अब तक सोलर पैनल्स पर जमी धूल को जि6मेदारों ने साफ नहीं कराया है। सवाल उठता है कि जब अपने ही घर की सोलर एनर्जी को अधिकारी बर्बाद कर रहे हैं तो जिले का हाल 1या होगा?

कहां कितनी है क्षमता

- सर्किट हाउस 50 ला2ा रुपए से 70 किलोवाट सोलर पॉवर ग्रिड

- कले1ट्रेट में 48.75 ला2ा रुपए से 65 किलोवाट सोलर पॉवर ग्रिड

- विकास 5ावन में 52.50 ला2ा रुपए से 70 किलोवाट सोलर पॉवर ग्रिड

एक नजर में।

- 480 किलोवाट करना है बिजली उत्पादन

- 4 सौ किलोवाट बिजली नहीं हो रही जेनरेट

- 80 किलोवाट से नहीं पूरी हो रही जरूरत

- 230 लगे सोलर पैनल्स पर जमी है धूल

- 2 सौ घर 4 सौ किलोवाट से होते हैं रौशन

धूल जमने की वजह से सोलर एनर्जी और प्लांट की कार्यक्षमता का सिर्फ 25 परसेंट उपयोग हो रहा है। वि5ागों के कर्मचारियों की जि6मेदारी है कि वह सोलर पैनल्स पर धूल न जमने दे।

जावेद 2ान, परियोजना निदेशक, नेडा

सोलर पैनल्स पर धूल जमने से बिजली उत्पादन प्र5ावित होने की जानकारी नहीं थी। कल सोलर पैनल्स को साफ किया जाएगा। प्रत्येक 15 दिन में सफाई के स2त निर्देश दिए हैं।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ

Posted By: Inextlive