Meerut : चाबी और बैट्री से चलने वाले खिलौने अब बीते जमाने की बात हो चुकी है. समय के साथ बच्चों के खिलौने भी हाईटेक हो गए हैं.


पुराने खिलौनों को अब सोलर टॉयज जैसे टेक्निकल खिलौने चुनौती दे रहे हैं। एंज्वॉयमेंट के साथ ये टॉयज बच्चों का माइंड भी शार्प कर रहे हैं.क्या है टेक्नोलॉजीखिलौनों में भी टेक्नोलॉजी का यूज बढ़ता जा रहा है। मार्केट में नए जमाने के टॉयज आ गए हैं। बाजार में अब नमक के पानी से चलने वाली कार, फिंगर प्रिंट्स टॉय, सोलर कार, सोलर रोबोट, सब्जियों से चलने वाली घड़ी जैसे खिलौने मार्केट में मौजूद हैं. कैसे-कैसे खिलौनेकेन रोबोट: अक्सर वेस्ट मैटिरियल को हम ऐसे ही फेंक देते हैं, लेकिन कैन रोबोट को देखकर आप वेस्ट मैटिरियल फेंकने का ख्याल मन से निकाल देंगे। कैन रोबोट बीयर या कोल्ड ड्रिंक की कैन से बना है। इस टॉय के साथ इसको बनाने की विधि भी है। ये रोबोट धूप की रोशनी से चलता है।


सोलर एनर्जी किट: एजुकेशनल हाइब्रिड सोलर एनर्जी किट से आप छह तरह के प्रोडक्ट्स बना सकते हैं। इसमें सोलर फैन, सोलर रिवोल्विंग प्लेन, सोलर डॉग, सोलर एयरबोट, सोलर कार, सोलर प्लेन बनाए जा सकते हैं। ये सभी धूप की रोशनी से ही चलते हैं। इसकी दूसरी सीरीज से सोलर प्लेन, सोलर स्केट बोट, सोलर विंडमिल, सोलर हैलीकॉप्टर, सोलर थ्री व्हीलर, सोलर रोबोट बनाया जा सकता है।

सॉल्ट वाटर कार: सॉल्ट वाटर कार भी न्यू टेक्नोलॉजी टॉय है। कभी चाबी और बैट्री से चलने वाली कार की जगह अब ये कार नमक के पानी से चलती है। कार में पानी भरने की जगह है। ये कार इस पानी को पेट्रोल की तरह यूज करती है।फोरेंसिक फिंगरप्रिंट्स: फोरेंसिक फिंगरप्रिंट्स से आप अपने बच्चे का मांइड शार्प कर सकते हैं। ये टॉय उनके मानसिक विकास में काफी मददगार है। इस टॉय से डिटेक्टिव की तरह सस्पेक्ट और रिकॉर्ड आइडेंटिफाई कर सकते हैं। सब्जियों से चलती क्लॉक: अभी तक बैट्री से चलने वाली घडिय़ां आपने देखी होंगी, लेकिन अब सब्जियों से चलने वाली घडिय़ां बच्चों के लिए मार्केट में आई हैं। चौक गए न, जी हां सब्जियों के अंदर मौजूद नमी इस घड़ी को चलाने में मदद करती है। इस टॉय में घड़ी में लगे एनोड और कैथोड हुक को सब्जियों में घुसाकर डिजिटल घड़ी चला सकते हैं। जिससे आपको पता लगेगा कि किस सब्जी से घड़ी को एनर्जी मिलती है। आलू, नींबू, मूली आदि सब्जियों से ये घड़ी चलती है।ये हैं रेटये टॉयज ज्यादा महंगे भी नहीं है। इनकी कीमत 200 से 400 रुपए तक की रेंज में उपलब्ध हैं।

"ये टॉयज बच्चों के माइंड को शार्प बना रहे हैं। ये टॉयज न केवल एक टॉय हैं, बल्कि बच्चे इन्हें बनाने की भी विधि सीख लेते हैं। स्कूलों में भी खासकर बच्चों को इस तरह के टॉयज लेने की सीख दी जा रही है। साइंस पढऩे वाले बच्चे इन टॉयज को ज्यादा पसंद कर रहे हैं." -सुभाष ग्रोवर, ओनर, फैशन हाउस, आबूलेन

Posted By: Inextlive