-मेडिका में भर्ती जवानों ने आईजी ऑपरेशन एमएस भाटिया को सुनाई आपबीती

- हो सकती है थानेदार पर कार्रवाई

-पलामू के छतरपुर में लैंड माइंस विस्फोट में शहीद जवानों का मामला

RANCHI: सर, यदि थानेदार साहब अमरूद का लालच नहीं करते और उसे खाने के लिए वहां नहीं रुकते, तो जवानों की जान बच सकती थी। यह कहना है पलामू के छतरपुर में लैंड माइंस विस्फोट में घायल हुए जवानों का। ये जख्मी जवान गुरुवार को मेडिका में आईजी ऑपरेशन एमएस भाटिया व एडीजी रेजी डुंगडुंग को घटना की जानकारी दे रहे थे।

कच्चे रास्ते से मुख्य सड़क आ रहे थे

जवानों ने कहा कि जब थानेदार को सूचना मिली तो वे जिप्सी से वहां गए। लेकिन जिस जगह पर शव मिलने की आशंका थी, वहां कुछ नहीं मिला। लौटने के क्रम में थानेदार को अमरूद खाने का मन कर दिया। उसी में देर हो गई और कच्चे रास्ते से मुख्य सड़क की ओर आने लगे। थानेदार की जिप्सी आगे बढ़ गई। इसी क्रम में पीछे से ब्07 वाहन लैंड माइंस की चपेट में आ गया और वे लोग वाहन से नीचे गिर गए। शेष अन्य जवानों की वहीं पर मौत हो गई। ऑपरेशन आईजी एमएस भाटिया ने बताया कि मेडिका में छह जवानों को भर्ती कराया गया है। वे लोग शॉक्ड हैं और उनका इलाज बेहतर ढंग से हो रहा है।

शहीद जवान का शव घर पहुंचते ही मचा कोहराम

पलामू जिले के छतपुर-हुसैनाबाद के बीच काला पहाड़ी के पास बुधवार के शाम साढ़े भ् बजे नक्सलियों द्वारा लगाये गये बारुदी सुरंग के चपेट में आकर गढ़वा जिले के दो जवान शहीद हो गए। कांडी थाना के पतहरिया गांव निवासी संजय शर्मा तथा रंका थाना क्षेत्र के सिजो गांव निवासी शहीद पुलिस जवान सुरेंद्र यादव का शव गुरुवार की शाम करीब ब् बजे घर पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया। सुरेंद्र यादव की पत्नी मनीषा देवी घटना के जानकारी के बाद से ही विक्षिप्तावस्था में बार-बार बेहोश हो जा रही थी.सुरेंद्र का शव घर पहुंचते ही पुलिस प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के अलावा बीडीओ नरेश रजक ने शहीद जवान के शव पर पुष्पांजली अर्पित की।

Posted By: Inextlive