Som Pradosh Vrat : इस वर्ष वैशाख माह में सोम प्रदोष व्रत 20 अप्रैल को मनाया जा रहा है। जब प्रदोष व्रत सोमवार के दिन होता है तो इसका विशेष महत्व होता है। सोम प्रदोष में किस तरह करें भगवान शंकर व देवी पार्वती की पूजा। किस मंत्र के जाप से मिलेगा उत्तम फल।

Som Pradosh Vrat : प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। कुछ लोग शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रदोष के बीच फर्क बताते हैं। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं। इस वर्ष वैशाख माह में सोम प्रदोष व्रत 20 अप्रैल को मनाया जा रहा है जिसका विशेष महत्व है।

इस योग में व्रत रखने से होगा लाभ

वैशाख मास में व्रत का विशेष महात्म्य है।इस बार यह 20 अप्रैल 2020,सोमवार को प्रदोष व्रत का होना है।सोम- प्रदोष व्रत अतिविशेष है।सोमवार को त्रियोदशी तिथि का संयोग होने से सोम- प्रदोष होता है।इस बार यह व्रत इंद्र योग में करना अति विशेष रहेगा।इस दिन इस व्रत के करने से कई गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होगा।त्रियोदशी तिथि जय प्रद होती है।इस दिन व्रत रखकर सूर्यास्त से प्रदोष काल में भगवान शिव की पंचोपचार या षोड्षोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए।

भगवान शिव के इस मंत्र जाप से मिलेगा उत्तम फल

शिव तांडव स्त्रोत एवं प्रदोष स्तोत्र का पाठ करना चाहिए तथा शिवशङ्क्षरी मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का यथा सम्भव जप करना चाहिए।जप करने के पश्चात प्रदोष कथा का श्रवण करना चाहिए।इस व्रत के करने एवं शिव पूजन से चंद्र दोष निवारण एवं चंद्र शांति भी होती है।वैशाख मास से इस व्रत को आरम्भ करके आगे भी व्रत करने से कई गुना अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

- ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा

बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली

Posted By: Vandana Sharma