RANCHI : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रबंधन ने कमर कस ली है। वहीं नए साल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा। इतना ही नहीं, इसका सीधा फायदा इलाज के लिए आने वाले मरीजों को मिलेगा। मरीजों को पहले से बेहतर सुविधा मिलेगी और वे जल्दी ठीक होकर घर जा सकेंगे। इसके अलावा डेड बॉडी ले जाने के लिए मची लूट से भी छुटकारा मिल जाएगा। सरकारी दर पर फिर से गाडि़यां उपलब्ध कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है।

नए ट्रामा सेंटर में सीओटीे--फोटो ट्रॉमा

एक्सीडेंट के बाद इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों को मेन बिल्डिंग के कैजुअल्टी ओटी में ले जाया जाता है। लेकिन नई व्यवस्था के बाद उन्हें सीधे सुपरस्पेशियलिटी विंग के सामने बने ट्रामा सेंटर में ले जाया जाएगा। जहां मॉड्यूलर ओटी में मरीजों का ऑपरेशन होगा। वहीं मरीजों को किसी भी तरह के इंफेक्शन होने की संभावना नहीं होगी। चूंकि इस ओटी में तत्काल स्टरलाइज करने की फैसिलिटी दी गई है। वहीं ट्रामा के मरीजों को भी ज्यादा दूर तक दौड़ नहीं लगानी होगी। ट्रीटमेंट के बाद उन्हें संबंधित विभाग में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

1-10 किमी के लिए 500 रुपए--फोटो रिम्स वैन

हेल्थ डिपार्टमेंट ने रिम्स को छह मोक्ष यात्रा वाहन उपलब्ध कराए है। लेकिन कई महीनों से इसके संचालन को लेकर प्रयास किया जा रहा था। कुछ ऑर्गनाइजेशन ने इसके संचालन में इंटरेस्ट दिखाया तो कुछ ने पैसे भी मांगे। बाद में सभी ने अपने हाथ वापस खींच लिये। ऐसे में रिम्स प्रबंधन ने खुद से गाडि़यों के संचालन करने का निर्णय लिया। वहीं हेल्थ डिपार्टमेंट से इसके लिए परमिशन भी ले ली, जिसके तहत 1-10 किलोमीटर तक डेड बॉडी ले जाने के लिए 500 रुपए मिनिमम चार्ज होगा। इसके बाद 9 रुपए किलोमीटर के हिसाब से चार्ज किया जाएगा। यह सर्विस लोकल के लिए 24 घंटे होगी। वहीं बाहर के लिए ड्राइवर की उपलब्धता पर लोगों को दिए जाएंगे।

100-100 ट्राली व व्हीलचेयर--फोटो व्हीलचेयर

हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब दूसरे स्टेट जाने की बजाय लोग इलाज के लिए रिम्स में आना पसंद कर रहे है। ऐसे में हर मरीज को ट्राली व व्हीलचेयर उपलब्ध कराना चुनौती बन गया था। प्रबंधन ने पहली बार मरीजों की परेशानी को देखते हुए 100 ट्रॉली और 100 व्हीलचेयर देने की योजना बनाई है। वहीं जेम से इसकी बुकिंग भी कर दी गई है। जल्द ही इसकी सुविधा भी मरीजों को मिलने लगेगी, जिससे कि मरीजों को कंधे पर लादकर ले जाना नहीं पड़ेगा।

दवाई दोस्त को मिल रहा एक्सटेंशन --फोटो दवाई दोस्त

हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रबंधन ने कई अच्छी योजनाएं भी बनाई हैं, जिसके तहत दवाई दोस्त को एक्सटेंशन दिया जा रहा है। मरीजों के हित को देखते हुए दवाई दोस्त को बगल की दुकान भी देने की सहमति बैठक में बन गई है। वहीं जन औषधि को अब बगल के गैराज में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे मरीजों को अधिक से अधिक सस्ती दवाएं रिम्स में ही मिल सकेंगी।

मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए हमारा प्रयास है। हम चाहते है कि जो भी मरीज इलाज के लिए आए उन्हें कोई परेशानी न हो। अगले साल की पहली जनवरी से कुछ चीजें बदल जाएंगी। वहीं कुछ चीजों के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।

संजय कुमार, डीएस, रिम्स

Posted By: Inextlive