- छोटा बेटा व भतीजा हैं आरोपी

- होने वाली थी गवाही, छोटे बेटे पर ही शक की सुई

ALLAHABAD: बड़े बेटे के कातिलों को सजा दिलाने के लिए पैरवी कर रहे जबर सिंह यादव (65) को गुरुवार रात सोरांव के करौंदा गांव में गोलियों से भून दिया गया। घटना को बाइक सवार तीन युवकों ने अंजाम दिया। हमलावरों की पहचान नहीं हो सकी है लेकिन शक की सुई जबर सिंह के छोटे बेटे कुलदीप व उसके साथियों की ओर घूम रही है।

बड़े बेटे की ससुराल में रहता था

जबर सिंह के बड़े बेटे कप्तान सिंह की 26 दिसंबर 2014 को थरवई के चकिया बहमलपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जबर सिंह ने अपने भाई जय सिंह, उसके बेटे मंजीत व अपने छोटे बेटे कुलदीप को नामजद किया था। सोरांव पुलिस ने विवेचना के बाद जय सिंह का नाम एफआईआर से निकाल दिया था और उसके बाद मंजीत व कुलदीप को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। मंजीत अभी जेल में ही लेकिन कुछ दिन पहले कुलदीप को बेल मिल गई थी।

छोड़ दिया था घर

जबर सिंह ने बड़े बेटे के मर्डर के बाद चकिया गांव छोड़ दिया था। जान पर मंडराते खतरे को देखते हुए उन्होंने बड़े बेटे कप्तान सिंह की ससुराल करौंदी में शरण ले ली थी। ग्रामीणों के मुताबिक गुरुवार रात करीब सात बजे के आसपास वह घर के बाहर ही थे कि तभी सफेद रंग की अपाचे बाइक से तीन युवक पहुंचे और ताबड़तोड़ तीन गोलियां चलाई। तीनों गोलियां जबर सिंह को लगीं। उनको तुरंत ही एसआरएन हॉस्पिटल भेजा गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। देर रात समाचार लिखे जाने तक पुलिस को तहरीर नहीं मिली थी। शक की सुई छोटे बेटे की ओर ही घूम रही है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।

होनी वाली थी गवाही

मर्डर गवाही के ठीक पहले हुआ। जबर सिंह की फैमिली के लोगों का कहना है कि कप्तान सिंह के मर्डर के मामले में इसी हफ्ते गवाही होने वाली है। आशंका है कि वह गवाही न दे सकें, इसलिए उनको रास्ते से हटा दिया गया।

Posted By: Inextlive