- घटना में शामिल छह आरोपियों की हुई पहचान

- पूर्व विधायक के बेटे पर साजिश रचने का आरोप

- आरोपी में एक हाईकोर्ट के वकील का बेटा, आरोपियों पर होगी एनएसए की कार्रवाई

LUCKNOW: पुलिस ने बीबीडी कॉलेज के बीटेक थर्ड ईयर के छात्र प्रशांत सिंह के मर्डर केस का खुलासा करने का दावा किया है। मामले की साजिश रचने वाले पूर्व विधायक के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साजिशकर्ता अमन बहादुर खीरी की धौरहरा सीट से पूर्व बसपा विधायक शमशेर बहादुर का बड़ा बेटा है। प्रशांत की हत्या के बाद अमन ने पिता को फोन भी किया था। वहीं मामले में पुलिस ने पांच हत्यारोपियों की पहचान कर ली है। हत्याकांड में शामिल सभी हत्यारोपियों पर एनएसए लगाने की तैयारी है।

बेटे की मौत से सदमे में पूरा परिवार

वाराणसी के बाबतपुर गंगापुर निवासी प्रदीप सिंह के चचेरे भाई अनुज ने बताया कि प्रशांत बीबीडी कॉलेज में बीटेक थर्ड ईयर का छात्र था। प्रशांत के पिता वकील हैं। उसके परिवार में मां ममता सिंह के अलावा छोटा भाई गणेश है। गणेश 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद आईटीआई कर रहा है। उसने बताया कि बेटे की हत्या की खबर सुनकर पूरा परिवार सदमे में है। गोमतीनगर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद प्रशांत का शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। वहीं परिजन शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए बनारस रवाना हो गये।

दोस्त के साथ किराए पर रहा था प्रशांत

प्रशांत गोमतीनगर के विजयंतखंड में अपने साथियों आलोक यादव, सभय मिश्र और विकास सिंह के साथ रहता था। गुरुवार को आलोक का बर्थ डे था, जिसकी पार्टी बुधवार देर रात सफेदाबाद के एक होटल में रखी गई थी, जहां प्रशांत की बीटेक फ‌र्स्ट ईयर के छात्र अर्पण शुक्ल उर्फ टाइगर से मारपीट हुई थी। प्रशांत गुरुवार को आलोक के जन्मदिन पार्टी के लिए मुंह बोली बहन को लेने गोमतीनगर विस्तार के अलकनंदा अपार्टमेंट गया था, जहां उसकी हत्या कर दी गई थी।

घटना के बाद पूर्व विधायक को किया था कॉल

घटना के बाद आलोक की ओर से अर्पण सहित पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस ने आलोक, सभय मिश्र और विकास सिंह से पूछताछ के बाद घटनास्थल पर एक मोबाइल नंबर ट्रेस किया। घटनास्थल से इस नंबर से जो फोन किया गया था, वह खीरी के पूर्व विधायक शमशेर बहादुर का निकला। आलोक और उसके साथियों ने मोबाइल नंबर अमन बहादुर का बताया। पुलिस ने जानकीपुरम स्थित पूर्व विधायक के घर पर दबिश दी, जहां उन्हें अमन बहादुर नहीं मिला। पुलिस के अधिकारियों ने पूर्व विधायक से उनके बेटे को लेकर पूछताछ की, जिसके बाद अमन को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला है कि अमन ने ही प्रशांत की हत्या की साजिश रची थी।

छह और हत्यारोपियों की हुई पहचान

अमन से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी अर्पण उर्फ टाइगर के अलावा विमल सिंह, अब्दुल गनी खान, अंजनी यादव, अभिषेक पांडेय और हार्दिक की पहचान की है। विमल सिंह के पिता हाईकोर्ट के वकील हैं। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम दबिश दे रही है।

कमिश्नर ने दिया एनएसए कार्रवाई का आश्वासन

प्रशांत की हत्या की सूचना के बाद पिता प्रदीप की तबियत बिगड़ गई, जिसकी वजह से वह लखनऊ नहीं आ सके। वहीं लखनऊ पहुंचे परिवार के अन्य सदस्यों ने पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय से मुलाकात की। इस दौरान कमिश्नर ने उनसे आरोपियों पर एनएसए की कार्रवाई का आश्वासन दिया। देर शाम कमिश्नर ने अमन सहित सभी आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई के भी आदेश दिये।

सुबह ही मिली थी हत्या की धमकी

आलोक ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि प्रशांत को सुबह किसी ने धमकी दी थी। धमकी देने वाले ने कहा था कि आज शाम से पहले तुम्हारी हत्या कर दी जाएगी। इसके बाद प्रशांत को सचेत रहने को कहा था। प्रशांत के साथ उसके दोस्त सभय मिश्र के मोबाइल पर भी धमकी दी गई थी।

हार्ट पंचर से हुई थी मौत

प्रशांत की मौत पसली के भीतर हार्ट में चाकू के कई गहरे घाव की वजह से हुई थी। हार्ट पर चाकू से कई बार वार के कारण वह फट गया था, जिस कारण बहुत ज्यादा खून बह गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रशांत के शरीर में सीने के पास कई घाव मिले। इसके अलावा उसके हाथ में भी चाकू के कई निशान मिले। माना जा रहा है कि जब हमलावर पेट और सीने पर चाकू से हमला कर रहे थे तो खुद को बचाने के लिए प्रशांत ने हाथ से उसे रोकने का प्रयास किया था। प्रशांत पर हमला करने वाला आरोपी बायें हाथ का यूज करता था। उसने बायें तरफ से ही प्रशांत के लेफ्ट साइट वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई।

आखिरी कॉल दोस्त को की थी

प्रशांत ने घटना से चंद मिनट पहले ही मोबाइल से आखिरी कॉल अपने दोस्त वंशज उर्फ जॉडी को की थी। पुलिस को प्रशांत के कॉल डिटेल में आखिरी कॉल वंशज के नंबर की मिली है। प्रशांत दो मोबाइल यूज करता है। पुलिस ने दोनों फोन मौके से बरामद भी किए। उसका एक मोबाइल पूरी तरह से डैमेज है, जिसके चलते कॉल और वाट्सअप डिटेल नहीं मिल सकी है। पुलिस का कहना है कि फोन का डाटा रिकवर कराया जा रहा है ताकि कई और राज सामने आ सकें।

एक साल से नहीं जा रहा था कॉलेज

प्रशांत बीटेक थर्ड ईयर का छात्र था, लेकिन करीब एक साल से वह कॉलेज नहीं जा रहा था। वहीं प्रशांत के बनारस से आए परिजनों ने उसके दोस्त आलोक की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि प्रशांत के माध्यम से आलोक ने कई लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर पैसा लिया था। प्रशांत को आलोक ने ही गोमतीनगर स्थित अलकनंदा अपार्टमेंट अपनी दोस्त को लेने के लिए भेजा था।

Posted By: Inextlive