इनाम राशि के मामले में पिता और चाचा से निकल चुका है आगे

देवरिया जेल कांड में नामजद होने के बाद से काट रहा है फरारी

PRAYAGRAJ: पिता ने बाहुबल के दम पर जो फसल बोयी उसे भाई अशरफ के बाद उमर ने कैश किया। देवरिया जेल कांड में नामजद पूर्व सांसद अतीक का बेटा उमर अब प्रयागराज पुलिस का नेक्स्ट टारगेट है। इसकी तलाश प्रयागराज पुलिस के साथ सीबीआई को भी है जो देवरिया जेल कांड की जांच कर रही है। उस पर ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका है। एक साल से अधिक समय से वह भी भूमिगत है। उसके खिलाफ भी सर्च आपरेशन चल रहा है लेकिन, नतीजा अब भी जीरो ही है। अशरफ की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि पुलिस के लम्बे हाथ जल्द ही अशरफ तक भी पहुंच सकते हैं।

चाचा से डेढ़ गुना भतीजे पर इनाम

लखनऊ के बिल्डर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में पिटाई करने का खुलासा होने के बाद से अतीक के साथ उनके बेटे उमर की मुश्किलें बढ़ी हैं। इसी के बाद अतीक की जेल बदली गयी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट के आदेश पर ही अतीक को गुजरात की जेल में शिफ्ट किया गया है। अतीक पर कार्रवाई के बाद पुलिस ने उमर को पकड़ने की दिशा में कदम बढ़ाया है। पुलिस से बचने के लिए उमर ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की शरण ली। लेकिन, यहां से उसे कुछ विशेष राहत नहीं मिली। उमर पर कारोबारी को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाने के आरोप हैं। देवरिया जेल में कारोबारी की पीटने और जबरदस्ती कंपनियों की ओनरशिप ट्रांसफर कराने का भी आरोप है।

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है मामला

दिसंबर 2018 में लखनऊ के कृष्णानगर थाने में बाहुबली अतीक अहमद व उसके बेटे उमर एवं गुर्गे फारुख जकी अहमद, जफर उल्ला, गुलाब सरवर के खिलाफ लूट, गुंडा टैक्स, वसूलने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। कारोबारी से 75 लाख रुपये वसूलने की बात भी सामने आई थी। कारोबारी ने इंसाफ के लिए सुप्रीम कोर्ट का शरण लिया था। कोर्ट के आदेश पर मामला सीबीआई के पाले में पहुंचा था। सीबीआई के द्वारा 12 जून 2019 को अतीक अहमद समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था।

देवरिया कांड से हाईलाइट हुआ उमर

केस की पड़ताल में जुटी सीबीआई द्वारा तीन बार अतीक के घर छापेमारी की गई।

छानबीन के बाद सीबीआई अतीक के कई रिश्तेदारों के यहां भी पहुंची।

काफी कोशिश के बाद भी सीबीआई के हाथ कोई सफलता नहीं लगी

इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही बाहुबली अतीक को देवरिया जेल से ट्रांसफर किया गया।

तीन साल मिला है अशरफ

तीन साल बाद अशरफ को पकड़ने में मिली सफलता से गदगद पुलिस के हौसले बढ़ गए हैं। पुलिस को अंदेशा है कि उमर भी चाचा की तरह आसपास ही छिपा है। पुलिस का मानना है कि अतीक के कुनबाई लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहते हैं। उन्हें यह बात अच्छी तरह मालूम है कि कहीं बाहर शरण लेने पर खतरा बढ़ सकता है। बाहर की पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। लिहाजा खुद की फुल सिक्योरिटी वाले ठौर ही छिपने के लिए ज्यादा खोजते हैं। यही सारी वजहें रहीं कि अशरफ भी घूम फिरकर ससुराल में ही रहा करता था। यह बात दीगर थी कि उस पर हाथ डालने से पुलिस कतरा रही थी। नए एसएसपी ने एक्शन प्लान बनाया और परिणाम ससुराल से ही सामने आया। अफसरों का मानना है कि उमर पर ढाई लाख का इनाम है, इसलिए वह अपनी सेफ्टी को लेकर अलर्ट होगा। ऐसे में वे भी आसपास की किसी रिश्तेदारी में ही छिपा हो सकता है। पुलिस जल्द ही उसकी कई रिश्तेदारियों में दबिश दे सकती है।

Posted By: Inextlive