देश में एक ऐसी नदी है जहां पानी की जगह सोना बहता है। इस सोने को बेच कर कई परिवार अपने घर का खर्च चलाते हैं। यह नदी इन लोगों के जीवन का आधार बन गई है। इस नदी को स्‍थानीय लोग सोनाझार कहते हैं। यह नदी इस इलाके में लोगों के जीवन का आधार है।


रायपुर से 80 किमी दूर है नदीहम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 80 किमी दूर कांकेर के फितेफुलचुर में बहने वाली महानदी की जहां से सोना निकाला जाता है। इस काम के जरिये यहां के कई परिवारों का भरण पोषण होता है। वे बारिश में खेती करते हैं और बारिश के बाद जब नदियां पानी से लबालब भर जाती हैं तो नदियों से सोना निकालने में जुट जाते हैं।शिक्षा यहां से कोसों दूरये लोग नदियों से मिट्टी निकालकर उसे लकड़ी के बर्तन में धोते हैं। फिर बचे हुये बारीक कणों को पिघला देते हैं जो सोने का शुद्ध रूप होता है। खानाबदोश जिंदगी गुजारने वाले इन परिवारों में कोई भी ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं हे। इन्हें बस अपने बच्चों के पेट की भूख मिटानी होती है। आज भी यह इलाका एजुकेशन से दूर है।क्वारी सोना सबसे शुद्ध
नदियों से निकाली जाने वाली मिट्टी को लकड़ी के बर्तन में धोया जाता है। धुलाई के बाद जो बारीक कण बचते हैं। उसे इकट्ठा किया जाता है। कण के ज्यादा मात्रा में जमा होने पर उसे पिघलाया जाता है। कण को पिघलाकर सोने का रूप दिया जाता है। जिसे क्वारी सोना कहा जाता है। क्वारी सोना शुद्ध माना जाता है।

Posted By: Prabha Punj Mishra