क्लाइमेट चेंज के आगे अड़े इस इंडियन ने बना डाला आर्टिफिशियल ग्लेशियर। आइस स्तूप भी कहा जाता है इसे लद्दाख के सर्द रेगिस्तान में कर दिखाया असंभव को संभव।

साल 2009 में आमिर खान की एक फिल्म आई थी, 3 इडियट्स। इस फिल्म में आमिर खान ने जिस किरदार (फुंगसुक वांगडू) को निभाया था, वो काल्पनिक नहीं था। दरअसल यह किरदार लद्दाख के रहने वाले इंजीनियर सोनम वांगचुक से प्रेरित था। वागंचुक वो शख्स है जिन्होंने अपने दम पर लोगों के पेयजल और खेती-किसानी के लिए पानी की समस्या को हल करने के लिए आर्टिफिशियल ग्लेशियर का निर्माण कर दिया। उन्हें इस प्रयास के लिए लॉस एंजिलिस में पुरस्कृत भी किया गया है। यह कृत्रिम ग्लेशियर 100 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इसे अनावश्यक पानी को इकट्ठा करके बनाया गया है और यह न केवल उस क्षेत्र में क्लाइमेटिक चेंज को टैकल करने में प्रभावी अस्त्र के तौर पर काम कर रहा है, बल्कि लोगों की पेयजल और खेती-किसानी के लिए जल निर्भरता को भी पूरा कर रहा है।

 

अपने दम पर बदली तकदीर
लद्दाख के जिस क्षेत्र से सोनम का ताल्लुक है वह बेहद दुर्गम क्षेत्र है। इसे बर्फीला रेगिस्तान कहा जाता है। यहां बारिश न के बराबर होती है और लोगों को पानी संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी हुज्जतों का सामना करना पड़ता था। पेशे से इंजीनियर सोनम ने स्थानीय लोगों की इसी पीड़ा को समझा और इसका हल ढूंढने की कवायद में उन्होंने इस कारनामे को संभव कर दिखाया।

 

बेहद खास है सोनम का प्रयास
उनका ये आइस स्तूप काफी खास है क्योंकि यह गांव को घेरे पहाडिय़ों पर गलने वाली बर्फ के पानी को इकट्ठा कर उसे सार्थक रूप से काम में लाता है। इससे पहाड़ों पर जमा पानी को निकासी का मार्ग भी मिलता है और सोनम को नीचे पानी लाने के लिए कोई मेहनत भी नहीं करनी पड़ती क्योंकि एल्टीट्यूड डिफरेंस से क्रिएट हुए प्रेशर के कारण ये पूरा सिस्टम बिना किसी ऊर्जा स्रोत पर डिपेंडेंट हुए चलता है।

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एजुकेशनिस्ट भी हैं वांगचुक
वांगचुक प्रतिभावान बच्चों जिन्हें आगे बढऩे का मौका नहीं मिल पाता हैए उनके सपने पूरे करने का काम कर रहे हैं। वह शिक्षा और पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं। पिछले 20 वर्षों से वह दूसरों के लिए पूरी तरह समर्पित होकर का काम कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए एजुकेशनल ऐंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख नाम का संगठन बनाया है और उनका एक स्कूल भी है जो कि पूरी तरह सौर ऊर्जा संचालित है।

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Posted By: Chandramohan Mishra