मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बताया कि सोनभद्र हत्याकांड के बाद 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ उन्होंने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।


varanasi@inext.co.inVARANASI : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र की घटना में 10 लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मीडिया से बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बताया कि सोनभद्र हत्याकांड के बाद 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि एक सिंगल बैरल बंदूक, तीन डबल बैरल बंदूक और एक राइफल जब्त की गई है, जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच सीएम योगी ने इस हत्याकांड के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने भू-माफियाओं को दी थी छूट
सीएम योगी ने कहा, 'इस घटना की शुरुआत 1955 में ही हो गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी। इसके लिए सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार ही जिम्मेदार है। अपने सरकार में कांग्रेस ने भू-माफियाओं को छूट दी थी और सोनभद्र की घटना इसका एक उदाहरण है। जांच से यह साफ हो गया है कि बुधवार की हिंसा के लिए भाषाई विवाद जिम्मेदार था।इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस क्षेत्राधिकारी घोरावल, उप जिला अधिकारी (एसडीएम) घोरावल, घोरावल पुलिस थाने के इंस्पेक्टर, हलके के दारोगा और बीट कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है।'घटना की जांच जरुरीउन्होंने कहा, '1955 से 1989 तक वह विवादित जमीन आदर्श सोसायटी के नाम पर थी। 1989 में इस जमीन को एक आम व्यक्ति के नाम पर चढ़ा दिया। आदर्श सोसायटी के नाम जमीन रहने पर भी यहां आदिवासी खेती करते थे और कुछ लगान सोसायटी को देते थे। जिन लोगों ने इस जमीन को अपने नाम किया था, वे इस जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए। इस जमीन पर कब्जा नहीं कर पाने के चलते इसे साल 2017 में ग्रामप्रधान को बेच दिया गया। इस मामले में कई मुकदमे चलते रहे। 1955, 1989 और 2017 में हुई हर एक घटना की जांच जरूरी है। खत्म हुआ प्रियंका गांधी का धरना, सरकारी गाड़ी में बैठाकर ले जाया गया चुनार गेस्ट हाउससरकार करवा रही विस्तृत जांच


सीएम योगी ने कहा, 'इस प्रकरण से जुड़े राजस्व अभिलेखों की जांच के लिए शासन ने अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति में प्रमुख सचिव श्रम तथा विन्ध्याचल मंडल मीरजापुर के आयुक्त को सदस्य नामित किया गया है। यह समिति राजस्व अभिलेखों की गहनता से जांच करेगी। सहायक अभिलेख अधिकारी, ओबरा, सोनभद्र के द्वारा किए गए नामांतरण आदेश के संदर्भ में उनके खिलाफ त्रिस्तरीय कमेटी विशेष रूप से जांच करेगी। मृतक आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है, जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद किया गया है।' मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि उन्होंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया कि वो व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करें। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि वाराणसी जोन के एडीजी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में रिपोर्ट सौपेंगे। सरकार 10 दिन में सारे चेहरे को बेनकाब करेगी। सरकार इसकी विस्तृत जांच करवा रही है।

Posted By: Mukul Kumar