बटला हाउस मुठभेड़ को लेकर कांग्रेस पार्टी का अंतर्द्वंद्व एक बार फिर सामने आ गया है. पहले से ही इस मुद्दे सरकार गृह मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह अलग-अलग सुर अलापते रहे हैं.

अब इस मुद्दे पर सलमान ख़ुर्शीद और दिग्विजय सिंह एक-दूसरे को ग़लत साबित कर रहे हैं। आज़मगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय क़ानून मंत्री सलमान ख़ुर्शीद ने ये कहा था कि बटला हाउस मुठभेड़ की तस्वीरें देखकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी फूट कर रो पड़ी थीं।

ख़ुर्शीद का कहना था, "जब हमने बटला हाउस मुठभेड़ की तस्वीरें सोनिया गांधी को दिखाईं थी, तो वे फूट-फूट कर रो पड़ीं और कहा कि उन्हें ये तस्वीरें न दिखाई जाए। उन्होंने हमसे कहा कि आपको तुरंत प्रधानमंत्री से संपर्क करना चाहिए." लेकिन अब दिग्विजय सिंह ये कह रहे हैं कि सोनिया गांधी रोईं नहीं थी और ये सलमान ख़ुर्शीद के अपने शब्द हैं।

बयानबाज़ीएक ओर जहाँ केंद्र सरकार इस मुठभेड़ को सही बताती है, वहीं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कई बार ये बयान दे चुके हैं कि वे उस मुठभेड़ को सही नहीं मानते।

दिग्विजय सिंह ने कई बार निष्पक्ष न्यायिक जाँच की मांग भी की है। लेकिन गृह मंत्री पी चिदंबरम उनसे सहमत नहीं और कई बार वे कह चुके हैं कि बटला हाउस मुठभेड़ सही थी।

वर्ष 2008 में दिल्ली के जामिया नगर इलाक़े में दिल्ली पुलिस के साथ मुठभेड़ में आतिफ़ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, जबकि मोहम्मद सैफ़ और जीशान को गिरफ़्तार कर लिया गया था।

दिल्ली पुलिस इन्हें इंडियन मुजाहिदीन का सदस्य मानती है। आतिफ़ अमीन और मोहम्मद साजिद आज़मगढ़ के रहने वाले थे। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा भी मारे गए थे।

इस मुठभेड़ के बाद दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ कई विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले की जाँच की। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट दे दी थी।

Posted By: Inextlive