1984 के सिख दंगा मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कथित तौर पर अमेरिकी कोर्ट में पासपोर्ट की कॉपी मुहैया कराने से इन्कार कर दिया है.


भारत सरकार ने नहीं दी इजाजत1984 के सिख दंगा मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कथित तौर पर अमेरिकी कोर्ट में पासपोर्ट की कॉपी मुहैया कराने से इन्कार कर दिया है. उन्होंने इसके पीछे सुरक्षा कारणों की बात कही है. गौरतलब है कि मैनहटन संघीय अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष को 7 अप्रैल तक अपने पासपोर्ट की कॉपी मुहैया कराने का आदेश दिया था. यह आदेश सोनिया गांधी को पिछले साल 2 से 12 सितंबर के बीच दिया गया था. जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने अमेरिकी जज को लिखे एक लेटर में कहा है कि भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों से उन्हें पासपोर्ट की कॉपी जमा करने की इजाजत नहीं दी है, लिहाजा वह ऐसा करने में असमर्थ हैं.मुकदमा शुरु करने की अपील
सिख फोर जस्टिस (एसएफजे) का आरोप है कि सोनिया गांधी सिख दंगों में शामिल अपने पार्टी के नेताओं को बचा रही हैं. एसएफजे ने दावा किया है कि सोनिया को पिछले साल सितंबर में समन जारी किया गया था तब वह कथित रूप से न्यूयार्क में मेडिकल चेकअप के लिए आई थीं. इसी दौरान उनके खिलाफ अमेरिकी कोर्ट ने समन भी जारी किया था. एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नून ने पहले कहा था कि यदि सोनिया 7 अप्रैल तक सबूत मुहैया नहीं करा पाती हैं तो समूह 1984 में सिख विरोधी दंगों में कथित रूप से शामिल कांग्रेस पार्टी के नेताओं को बचाने के आरोपों के संबंध में उनके खिलाफ मुकदमा शुरू करने के लिए अदालत से अपील करेगा.मानवाधिकार उल्लंघन का मामलासोनिया ने न्यूयॉर्क की ब्रूकलिन की एक संघीय अदालत में दस जनवरी को एक याचिका दायर कर 1984 के सिख विरोधी दंगे से संबंधित मामले में अपने खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन का मामला खारिज करने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें इस संबंध में कोई सम्मन नहीं मिला, क्योंकि उस वक्त वह अमेरिका में नहीं थीं.Hindi news from International news desk, inextlive

Posted By: Subhesh Sharma