देश में कोरोना वायरस और लाॅकडाउन की वजह से फंसे जरूरतमंद प्रवासी कामगारों और मजदूरों के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च अब कांग्रेस की राज्य इकाइयां वहन करेगी। इस बात का ऐलान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया है। बता दें कि विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं लेकिन इसके लिए टिकट खरीदने पड़ रहे हैं।

नई दिल्ली (पीटीआई)। कोरोना वायरस संकट और लाॅकडाउन 3.0 के बीच कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उसकी राज्य इकाइयां अपने कार्यस्थलों पर फंसे जरूरतमंद प्रवासी कामगारों और मजदूरों के हित में आगे आएंगी। वे सरकार से फंसे प्रवासियों की रेल यात्रा की लागत वहन करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में पार्टी के फैसले की घोषणा की और कहा कि इन कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में कांग्रेस का विनम्र योगदान होगा। सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार और रेलवे आरोप लगाया कि वे प्रवासियों और मजदूरों की सुरक्षित और मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस द्वारा की गई मांगों की पूरी तरह से अनदेखी कर रही हैं।

मांग के बावजूद केंद्र और रेल मंत्रालय इस पर ध्यान नहीं दे रही

कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक प्रवासी श्रमिकों और मजदूरों को उनके घर-कस्बों तक सुरक्षित और पहुंचने के मुफ्त रेल यात्रा प्रावधान की आवश्यकता है। हालांकि, हमारी बार-बार मांग के बावजूद केंद्र और रेल मंत्रालय इस पर ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रत्येक राज्य कांग्रेस कमेटी प्रत्येक जरूरतमंद श्रमिक और प्रवासी मजदूर की रेल यात्रा के लिए लागत वहन करने के संबंध में आवश्यक कदम उठाएगी।

प्रवासियों के प्रति वही जिम्मेदारी क्यों नहीं दिखाई जा सकती

साेनिया गांधी ने कहा कि लाखों प्रवासी भोजन, पानी, दवाइयों और नकदी के बिना अपने घरों तक वापस पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना जारी रखे हैं। सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को अपनी जिम्मेदारी न पहचानने के लिए आलोचना की और कहा कि अगर वह विदेश में फंसे नागरिकों को मुफ्त में वापस ला सकती है तो देश के विकास के राजदूत माने जाने वाले गरीब प्रवासियों के प्रति वही जिम्मेदारी क्यों नहीं दिखाई जा सकती है।

Posted By: Shweta Mishra