कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान कीमत बढ़ाने का सरकार का निर्णय पूरी तरह से असंवेदनशील है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर सवाल उठाए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इन बढ़ी कीमतों को वापास लेने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र में कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग नौ प्रतिशत की गिरावट आई है, यह देखते हुए भी सरकार अपने लोगों को मुनाफाखोरी से दूर रखने के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को लगातार 10 वें दिन बढ़ोतरी हुई। जहां पेट्रोल की कीमत में 5.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, वहीं डीजल की कीमत में 5.8 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।सरकार ने कीमत बढ़ाने का असंवेदनशील निर्णय लिया
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में कहा, मैं गहराई से व्यथित हूं कि मार्च की शुरुआत के बाद से इस कठिन समय में, सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए पूरी तरह से असंवेदनशील निर्णय लिया है। उन्होंने सरकार पर उत्पाद शुल्क और पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के माध्यम से सरकार ने करीब 2.6 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व कमाया। ऐसे में मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि इन बढ़ोतरी को वापस लें और इस देश के नागरिकों को सीधे तेल की कम कीमतों के लाभ के बारे में बताएं। आत्मनिर्भर बनाने की इच्छा रखते हैतो ऐसे निर्णय न लेंसेानिया ने कहा कि अगर आप उनको 'आत्मनिर्भर' बनाने की इच्छा रखते हैं तो ऐसे डिसीजन न लें। सरकार से सीधे आम लोगों के हाथ में पैसा देने की रिक्वेस्ट की है। सोनिया गांधी ने कहा, यह सरकार का कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि वह जनता के दुखों को दूर करे, न कि लोगों को अभी भी अधिक से अधिक कठिनाई में डाले। कांग्रेस की मांग है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। इसकी कीमतों को नीचे लाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ोतरी में रोलबैक की भी मांग की है।

Posted By: Shweta Mishra