-कांग्रेस का खोया जनाधार वापस पाने का एहसास करा गया सोनिया गांधी का रोड शो

-जनसैलाब ने दिखाया कि यूपी में भाजपा, सपा, बसपा से कहीं पीछे नहीं है कांग्रेस

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27 साल, यूपी बेहाल., गंगा मइया की शान में सोनिया गांधी मैदान में, कुछ ऐसे ही जोशीले स्लोगन कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के स्वागत में लगता रहा। तीखी धूप की परवाह किये बगैर सुबह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जो सैलाब सड़कों पर दिखाई दिया यकीनन यह बताने के लिए काफी था कि शेर बूढ़ा हो सकता है लेकिन कमजोर नहीं। यूपी विधानसभा चुनावी रण का आगाज काशी से करने पहुंची कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के रोड शो में हर वर्गो की अच्छी खासी तादाद नजर आई। गोलगड्डा पर अल्पसंख्यकों की बेतहाशा उमड़ी भीड़ ने कहीं न कहीं यह इशारा भी कर दिया कि विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतों का झुकाव पंजा की तरफ हो सकता है। एक तरह से कहा जाये तो सोनिया गांधी रोड शो के बहाने यूपी में बेजान पड़ी कांगे्रस में जान फूंक गई। पुराने कांगे्रसी इसे सोनिया का करिश्मा भी मान रहे हैं।

बाबा साहेब के बहाने छोड़े तीर

राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी रोड शो भले ही अपना पूरा नहीं रख सकी लेकिन उन्होंने अधूरे रोड शो में हर वर्गो का दिल जरूर जीत लिया। सर्वण व अल्पसंख्यकों में गहरी पैठ रखने वाली कांग्रेस ने दलितों को भी अपना बनाने में कहीं कोई चूक नहीं की। यही बड़ी वजह रही कि कचहरी स्थित बाबा भीमराव अंबेडकर को नमन कर रोड शो का शुभारंभ करने वाली सोनिया गांधी ने इसी के बहाने दलित मतों को भी लुभाया। यही कारण रहा कि रोड शो में दलितों की उपस्थिति भी शत प्रतिशत रही।

शीर्ष नेताओं की एकजुटता कर गई काम

कांगे्रस के खोये हुए जनाधार के पीछे शुरू से माना जाता रहा है कि शीर्ष नेताओं की आपसी तुनकमिजाजी इसकी सबसे बड़ी वजह रही है। शीर्ष नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के बीच आपसी तालमेल की गड़बड़ी से कांग्रेस का जनाधार कमजोर हुआ है। हालांकि सोनिया गांधी के रोड शो में सर्किट हाउस से एक ही वैन पर सवार शीर्ष नेताओं का एक साथ रहना यह दर्शा गया कि अब कांग्रेस नये तेवर के साथ मैदान में उतरी है। शीर्ष नेताओं की एकजुटता ने भी रोड शो को कामयाबी दिला दी।

Posted By: Inextlive