- पुलिस मुठभेड़ में पकड़े गए तीन बदमाश

- दिल्ली में ड्राइवर की हत्या कर कार लूट ली थी

MEERUT: मेरठ का सोतीगंज जरायम की दुनिया में कदम रखने वालों की पनाहगार बन गया है। लूट-हत्या कहीं हो, वाहन ठिकाने लगाने बदमाश सोतीगंज ही आते हैं। ये सोतीगंज का क्रेज ही था, जिसने चंद रुपयों की जरूरत पड़ने पर छात्रों को जुर्म की दुनिया में धकेल दिया। दिल्ली में ड्राइवर की हत्या करने के बाद टैक्सी ठिकाने लगाने के लिए मेरठ का रास्ता पकड़ा और इंचौली के जंगलों में छिपे थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें धरदबोचा।

हत्या कर कार लूट ली थी

पुलिस के अनुसार चार बदमाश रविवार शाम फरीदाबाद से एक होंडा अमेज कार तय कर नोएडा के लिए निकले थे। दिल्ली स्थित बदरपुर बॉर्डर पर उन्होंने कार के ड्राइवर विक्रम पुत्र भरत शर्मा, निवासी जीवन नगर, फरीदाबाद को गोली मार दी। इसके बाद उन्होंने ड्राइवर की लाश को नोएडा के दादरी के जंगलों में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद ये सभी बदमाश इंचौली थानाक्षेत्र के जंगलों में कार समेत छिप गए थे। इन बदमाशों को यह सूचना थी कि मेरठ में चोरी की गाडि़यों का खरीद-फरोख्त का बड़े पैमाने पर धंधा चलता है। वे इसी ताक में बैठे थे कि कुछ दिनों तक जंगलों में छिपे रहेंगे और इस दौरान जानकारी हासिल करने के बाद मौका मिलते ही कार को बेच देंगे।

कार बेचने की फिराक में थे

बदमाशों के मेरठ में छिपे होने की खबर पुलिस को लग गई थी। कंट्रोल रूम से इसकी सूचना भी फ्लैश करा दी गई। जिसके बाद एसएसपी डीसी दूबे के आदेश पर एसपी आरए एमएम बैग और सीओ सदर देहात शिवराज सिंह के निर्देशन में इंचौली और गंगानगर थाने की पुलिस की टीम तैयार की गई। पुलिस ने सूचना के आधार पर जंगल में इन बदमाशों को घेर लिया और दोनों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ के दौरान तीन बदमाश पुष्पेंद्र शर्मा उर्फ पुस्से, पुत्र शिवकुमार, अमित पुत्र देशराज और बंटी पुत्र राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया। जबकि विक्की पुत्र धर्मी फरार हो गया। ये सभी बदमाश गौतमबुद्धनगर के जारचा थानाक्षेत्र के निवासी हैं। पुलिस ने इनके पास से होंडा कार, मृतक ड्राइवर का मोबाइल फोन, दो तमंचे, कारतूस और एक छुरी बरामद की है।

पहला जुर्म था यह

पकड़े गए सभी बदमाशों की उम्र काफी कम है। पुष्पेंद्र व अमित दसवीं का छात्र है जबकि बंटी दसवीं छोड़ चुका है। इन सभी की उम्र 18 से 20 वर्ष बताई जा रही है। इतनी कम उम्र में रुपए की जरूरत आने पर इन्होंने जरायम की दुनिया में कदम रखने से पहले एक बार भी नहीं सोचा। बेखौफ होकर इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया। पुलिस के अनुसार ये उनका पहला जुर्म था। आधी कामयाबी तो इन्हें मिल ही गई थी, बस कार को ठिकाने लगाते समय ये पकड़े गए। यदि ये कार को भी ठिकाने लगा देते और पकड़े नहीं जाते तो इनका हौसला इतना बुलंद हो जाता कि आगे चलकर जुर्म की दुनिया के नामचीन लोगों में शुमार हो जाता। एक विवाद के चलते इन बदमाशों का दूसरे लोगों के साथ मारपीट हो गई थी। ऐसे में इन्हें 6 हजार रुपए की जरूरत थी। महज 6 हजार रुपए के लिए इन्होंने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया।

सोतीगंज पहुंचना था मकसद

मेरठ का सोतीगंज चोरी और लूट के वाहनों को बेचने का गढ़ बन गया है। यूपी का कोई भी जिला हो या फिर उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत दूसरे प्रदेशों के चोरी व लूट के वाहनों का खपाने का जब कोई भी बदमाश सोचता उसे सबसे पहले सोतीगंज का नाम आता है। इन बदमाशों को जुर्म करने से पहले भी सोतीगंज का ख्याल आया था। सोचा था जुर्म कर कार को यहां पर बेच देंगे। इसी के मकसद से वे जंगल में छिपे हुए थे। लेकिन अंजाम तक पहुंचने से पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

पुलिस की यह बड़ी कामयाबी है। इतनी छोटी उम्र में गंभीर अपराध को अंजाम देना, इनके खौफनाक इरादों को जाहिर करता है। आईजी ने एसपी आरए और सीओ देहात को प्रशस्ति पत्र व पुलिस की टीम को 12 हजार रुपए नगद पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है।

- डीसी दूबे, एसएसपी

Posted By: Inextlive