पूर्व भारतीय क्रिकेटर सौरव गांगुली ने आज ही के दिन टेस्ट डेब्यू किया था। इस मौके पर दादा ने अपनी पुरानी तस्वीरें शेयर की। बता दें गांगुली ने मिडिल ऑर्डर बैट्समैन के रूप में टीम में इंट्री मारी थी। मगर बाद में वह सलामी बल्लेबाज बने।

कोलकाता (आईएएनएस)। 20 जून, 1996 को भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाने वाले सौरव गांगुली ने लंदन में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। यह गांगुली के करियर का एक महत्वपूर्ण क्षण था और बाएं हाथ के बल्लेबाज ने डेब्यू मैच में ही शतक बनाकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया था। शनिवार को मौजूदा बीसीसीआई प्रमुख ने अपने टेस्ट डेब्यू को याद किया और कहा, 'मैंने आज टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा। यह जीवन का सर्वश्रेष्ठ क्षण था।"
डेब्यू टेस्ट में जड़ा शतक
गांगुली की पत्नी डोना ने भी पति के टेस्ट डेब्यू को याद किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, '24 साल पहले सौरव ने अपनी शुरुआत की, इसलिए आपको गर्व है।' गांगुली ने पहले टेस्ट में 131 रनों की शानदार पारी खेली जिसके लिए उन्होंने 301 गेंदें खेलीं। जिसमें उन्होंने 20 चौके जड़े। उस पारी के साथ, गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोरदार तरीके से इंट्री मारी थी। इसी के याथ वह टेस्ट डेब्यू पर शतक बनाने वाले 10 वें बल्लेबाज बने और लॉर्ड्स पर यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय भी बने।

Made my debut today .. life&यs best moment @bcci pic.twitter.com/2S9VLSSVzE

— Sourav Ganguly (@SGanguly99) June 19, 2020


चार साल तक रहे टीम से बाहर
बाएं हाथ के बल्लेबाज गांगुली ने 1992 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। हालांकि, वह सिर्फ तीन रन ही बना सके और अगले चार साल तक भारतीय प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं हुए। मई 1996 में, उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की और 26 मई को मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए वनडे के लिए टीम में शामिल किया गया। उन्होंने उस मैच में 46 रन बनाए। 47 वर्षीय गांगुली ने भारत के लिए कुल 113 टेस्ट और 311 एकदिवसीय मैच खेले जिसमें उन्होंने क्रमशः 7,212 और 11,363 रन बनाए।
मदन लाल के कहने पर बने सलामी बल्लेबाज
सौरव ने मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में पर्दापण किया था। मगर वह मदन लाल की वजह से ओपनिंग बल्लेबाज बने। लाल ने यह भी कहा कि भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपने शुरुआती दिनों में मिडिल ऑर्डर में संघर्ष कर रहे थे। एक बार जब उन्हें ओपनिंग का मौका मिला तो परिस्थिति बदल गई। मदन कहते हैं, "हम दादा का उपयोग करना चाहते थे। उन्हें याद है कि नहीं, मगर एक बार मैंने गांगुली से कहा था कि आप नंबर 5 की बजाए सीधे ओपन करें।हर खिलाड़ी की अपनी शैली होती है। गांगुली के पास सभी स्ट्रोक थे। हर बल्लेबाज को रन बनाने के लिए कुछ समय चाहिए। यदि आप कुछ ओवर सिर्फ एक-दो रन बनाकर खेलते हैं, बाद में आप चढ़ाई कर सकते हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari