एक सॉरी के लिए आफत में झोंक दिए शहरवासी

-एसपी सिटी की सॉरी पर भाजपा में खुशी

-आरोपियों की गिरफ्तारी का कोई जिक्र नहीं

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: शहर में अवैध होर्डिग अभियान के अंतर्गत मेयर पर होर्डिग माफिया का हमला, मेयर की शिकायत करने पर एसपी सिटी का मेयर को हड़काना फिर आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर नगर निगम में धरना-प्रदर्शन और फाइनली भाजपाइयों का पुलिस ऑफिस पर हल्ला बोल ओर हुड़दंग इतने सारे मामलों का केवल एसपी सिटी के सॉरी बोल देने भर से निपट जाना अपने आम में कई सवालों को पैदा करता है।

नहीं हुई गिरफ्तारी

यदि पूरे वाकये को गौर से देखा जाए तो ऐसा लगता है कि मामला पार्षदों पर झूठे मुकदमों व होर्डिग माफिया की गिरफ्तारी का नहीं बल्कि केवल मेयर की प्रतिष्ठा का ही था। इसी का नतीजा है कि पिछले दस दिनों से पुलिस प्रशासन के सामने होर्डिग माफिया की गिरफ्तारी का रोना रो रहे मेयर एसपी सिटी के सॉरी बोलते ही बैक-टू-पवेलियन हो गए।

कहां गई सारी मांगें

प्रकरण के पहले दिन से पार्षदों को साथ लेकर मेयर तीन मांगों पर अड़े थे। इन्हीं मांगों को लेकर मेयर ने न केवल एसएसपी और कमिश्नर तक का दरवाजा खटखटाया था, बल्कि निगम कर्मचारियों को लेकर हड़ताल भी ठोंक दी थी और तो और गुरुवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नेतृत्व में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने भी इन्हीं तीनों मांगों को लेकर जिला पुलिस मुख्यालय पर हल्ला बोल था। मगर चौंकाने वाली बात यह है कि शुक्रवार को मेयर अचानक धरना स्थल पर जा पहुंचे मेयर ने केवल एसपी सिटी द्वारा फोन पर मांगी गई माफी मांगने की बात कहकर धरना वापसी क्यों ले लिया। इस बीच मेयर ने बाकी की मांगें पूरी होने का इंतजार किया, बल्कि उसका जिक्र तक नहीं किया।

ये थी मांगें

-पार्षदों पर दर्ज मुकदमें वापस हों।

-होर्डिग माफिया पर लगे 307

-होर्डिग माफिया की गिरफ्तारी

सुलगते सवाल

मेयर साहब, क्या हो गई होर्डिग माफिया की गिरफ्तारी

क्या पार्षदों पर दर्ज मुकदमें वापस हुए

क्या होर्डिग माफिया पर 307 तरमीम की गई

मेयर प्रकरण केवल एक पार्टी विशेष की प्रतिष्ठा का सवाल था। निगम कर्मचारियों को इस विवाद में गलत तरीके से शामिल कर लिया गया था। सफाई कर्मचारी धरने से दो दिन पूर्व ही कॉल ऑफ कर चुके थे।

-कैलाश चंदोला, अध्यक्ष नगर निगम सफाई मजदूर संघ

जनता पूछ रही सवाल

मेयर साहब यदि मामला केवल आपकी प्रतिष्ठा से ही जुड़ा था, तो शहरवासियों को आफत में क्यों धकेल दिया गया। क्या नगर निगम की हड़ताल और पुलिस ऑफिस पर हंगामा केवल एक नाटक था।

-दीपा शर्मा, अजंता कॉलोनी

होर्डिग अभियान के अंतर्गत मेयर पर हुए मामले में जन समर्थन प्रथम नागरिक के साथ था, लेकिन अभी तक आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और मेयर ने धरना भी कॉल ऑफ कर लिया। पूरा मामला एक पार्टी विशेष की प्रतिष्ठा से जुड़ा होना लगता था।

-कृष्ण मोहन शर्मा, शहरवासी

एसपी सिटी के माफी मांगने के बाद मेयर का बैक-टू-पवेलियन हो जाना चौंकाने वाला है। लगता है जैसे पूरा घमासान केवल एक सॉरी के पीछे ही मचा था और सॉरी बोलते ही सब कुछ शांत। मेयर साहब अपनी प्रतिष्ठा के लिए शहर वासियों को क्यों परेशानी में डाला।

-मुख्तयार अली, शास्त्रीनगर

मेयर के साथ हुई अभद्रता निंदनीय है, होर्डिग माफिया के खिलाफ कार्रवाई होनी लाजमी है, लेकिन केवल अपनी प्रतिष्ठा के लिए पुलिस के एक ऑफिसर को टारगेट करना उचित नहीं है।

-शिखर बाधवा, व्यापारी

मामला चाहे नेता का हो या फिर किसी अधिकारी का सभी के बीच पब्लिक को ही घसीटा जाता है। क्या यह बात गलत नहीं है कि किसी एक की प्रतिष्ठा के चक्कर में बेचारी पब्लिक मारी जाती है।

-पंखुरी, स्टूडेंट

मेयर साहब अगर आपकी प्रतिष्ठा से ही जुड़ी बात है तो क्या आप केवल स्वार्थ की ही बात करते हैं, जरा भोली जनता के बारे में भी कुछ सोच लीजिए।

-रजनी, स्टूडेंट

होर्डिग अभियान शहर हित का काम है। इस दौरान मेयर पर हुआ हमला निंदनीय है, लेकिन बिना कार्रवाई के धरना कॉल ऑफ कर देना कहीं न कहीं मामले को मेयर के निजी स्वार्थ से जोड़ता है।

-दिव्या, बेगमबाग

Posted By: Inextlive