-102 एंबुलेंस सेवा का प्रदेश में होगा विस्तार

-102 सेवा की पांच सौ एंबुलेंस बढ़ने के फैसले को मिली हरी झंडी

UNNAO:

प्रदेश में क्0ख् और क्08 एंबुलेंस सेवा में बहुत जल्द विस्तार होने जा रहा है। इसके लिए अगले माह तक प्रदेश में क्0ख् एंबुलेंस सेवा के तहत पांच सौ नई एंबुलेंस और लगाई जाएंगी। इसके लिए शासन ने हरी झंडी दे दी है। बस स्वास्थ्य मंत्रालय से आदेश निर्गत होना शेष है। सेवा विस्तार के बाद पांच वर्ष तक केच्बच्चों को दवा उपचार के लिए अस्पताल लाने और वापस छोड़ने जाने के लिए क्0ख् एंबुलेंस सेवा देने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले माह तक इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल जाएगी।

यह जानकारी क्0ख् और क्08 एंबुलेंस सेवा का प्रदेश में संचालन कर रही जीवीके कंपनी के प्रदेश हेड चंदन दत्ता ने दी। वह शनिवार को क्0ख् और क्08 एंबुलेंस सेवा के संचालन की हकीकत और गाडि़यों की स्थिति का अवलोकन करने पहुंचे थे। उनके साथ रहे कंपनी के अधिकारियों में जिले के हेड राजीव शर्मा व पीएम संतोष कुमार ने बताया कि प्रदेश में क्0ख् एंबुलेंस सेवा में विस्तार करने की मंजूरी प्रदेश सरकार ने दे दी है। प्रथम चरण में पांच सौ एंबुलेंस बढ़ाई जा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय से आदेश निर्गत होना ही शेष है। अगले सप्ताह तक प्रदेश के हर जिले में क्0ख् सेवा की एंबुलेंस बढ़ जाएंगी। उनका कहना था कि अभी तक क्0ख् एंबुलेंस सेवा गर्भवती महिला को प्रसव के लिए तथा एक वर्ष तक के बीमारच् बच्चे को दवा उपचार के लिए अस्पताल लाने और वापस घर छोड़ने की नि: शुल्क सुविधा दे रही है। अब इस सेवा में विस्तार करने पर विचार चल रहा है। पांच वर्ष तक केच् बच्चों को अस्पताल लाने और वापस घर छोड़ने जाने की सुविधा देने पर शासन विचार कर रहा है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इस प्रस्ताव पर मौखिक सहमति मुख्यमंत्री ने दे दी है। फाइल पर स्वीकृति मिलना शेष है। जीवीके कंपनी के अधिकारियों की मानी जाए तो उम्मीद है कि मई माह के अंत तक इस सेवा को मंजूरी देकर प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।

इसके पूर्व जीवीके कंपनी के यूपी हेड ने महिला अस्पताल पहुंच कर जननी ड्राप बैक के अभिलेखों को देखकर प्रसूताओं को अस्पताल से घर पहुंचाने की हकीकत जानी। उन्होंने क्0ख् और क्08 सेवा में लगी एंबुलेंस गाडि़यों की कंडीशन भी चेक की। इस दौरान उनका कहना था कि अभी बीमाच् बच्चों को दवा उपचार के लिए अस्पताल लाने और वापस घर जाने की सेवा बहुत कम ली जा रही है। उन्होंने कहा इसके लिए प्रचार प्रसार और जागरूकता की आवश्यकता है। पायलटों द्वारा उगाही की शिकायतों के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कोई शिकायत हो तो सीधे प्रदेश कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं। पायलट के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive