वाराणसी (ब्यूरो) मंदिर प्रशासन की माने तो श्रद्धालुओं के लिए इस बार पांच रिक्शे की व्यवस्था की गई है। ये रिक्शे उम्रदराज, दिव्यांगजन और उन श्रद्धालुओं के लिए होंगे जो चलने में अक्षम होंगे। ई-रिक्शा संचालक उन्हें मंदिर तक ले जाने और ले आने का काम करेंगे। एक रिक्शा मंदिर से मैदागिन की ओर तो वहीं एक रिक्शा को गोदौलिया और दशाश्वमेध की ओर लगाया जाएगा। बचे हुए रिक्शे भी मंदिर के पास ही खड़े रहेंगे। ताकि इमरजेंसी में इनका यूज किया जा सके।

मंदिर परिसर के बाहर जूता काउंटर

श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर के बाहर जूता काउंटर बनाया गया है। इन काउंटर पर श्रद्धालु जूता और चप्पल उतारकर मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। भीड़ के चलते कई श्रद्धालुओं के जूता और चप्पल गायब हो जाने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। वहीं मंदिर के बाहर एनाउंसमेंट सिस्टम की भी व्यवस्था की गयी है। कोई भी श्रद्धालु अगर कहीं चला जाता है तो वह काउंटर पर आकर इंफॉर्म कर सकता है। काउंटर्स से ही श्रद्धालु का नाम पुकारा जाएगा। काशी में महाशिवरात्रि पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा को दूध चढ़ाने व दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर से लेकर बाहर विशेष व्यवस्था की गयी है।

गेट नंबर चार व पांच से होंगे इन

मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए दो गेट चार व पांच बनाया गया है। इन गेट से श्रद्धालु अंदर जाएंगे। जबकि बाहर निकलने के लिए गेट नंबर 2 व 5 से श्रद्धालु दर्शन करने के बाद बाहर निकल सकते हैं। गेट पांच को काफी बड़ा बनाया गया है। जहां से एक तरफ श्रद्धालु मंदिर में जा सकेंगे दूसरी तरफ से निकल सकेंगे।

'महाशिवरात्रि पर बाबा दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कहीं कोई दिक्कत न हो इसके लिए हर स्तर पर तेयारी की गयी है। खास ये भी है कि बुजुर्ग और जो लोग चलने में असमर्थ हैं उनके लिए ई-रिक्शे की व्यवस्था की गई है।'

- विशाल सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी-काशी विश्वनाथ मंदिर

Posted By: Inextlive