स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए ने शासन के फैसले को दी मंजूरी

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इलाहाबाद की सांसद रीता बहुगुणा जोशी को स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए से शनिवार को बड़ी राहत मिल गयी. कोर्ट ने रीता जोश के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लिये जाने के शासन के फैसले को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही मुकदमे की प्रक्रिया समाप्त हो गयी और उनकी फाइल दाखिल दफ्तर कर दी गयी.

तब कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं

रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ मुकदमा लखनऊ के वजीरगंज थाने में 16 फरवरी 2010 को दर्ज कराया गया था. तब वह कांग्रेस पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाल रही थीं. आरोप है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ की करीब 500 कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में शहीद स्मारक स्थल पर भाषण बाजी किया. पुलिस द्वारा रोकने पर अफरा-तफरी मच गयी. इसमें कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी को भी चोटें आई थीं. इस मुकदमे को शासन ने एमपी एमएलए कोर्ट से वापस ले लिया है. न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने मामले की सुनवाई के बाद पत्रावली दाखिल रफ्तर किए जाने का आदेश दिया.

गैंग रेप में पूर्व मंत्री को भेजा जेल

विशेष कोर्ट ने जमानत अर्जी पर चार जून को करेगा सुनवाई

गैंग रेप के आरोपित पूर्व मंत्री और विधायक मनोज पारस को शनिवार को स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए से करारा झटका लगा. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दे दिया. उनकी तरफ से पेश जमानत अर्जी पर सुनवाई अब चार जून को होगी. तब तक उन्हें जेल में ही रहना होगा.

राशन की दुकान दिलाने का झांसा

मामला बिजनौर जिले के नगीना थाना का है. 13 जून 2007 को दर्ज रिपोर्ट के अनुसार आरोपित मनोज पारस ने महिला को सरकारी राशन की दुकान उसे दिलाने का भरोसा दिलाकर अपने अपने घर बुलाया. आरोप है कि यहां मनोज पारस के साथ जयपाल, अस्सू, कुंवर सैनी भी मौजूद थे. उन्होंने मिलकर महिला के साथ गैंग रेप किया. इस मामले में जयपाल, अस्सू, कुंवर सैनी कोर्ट में सरेंडर करने के बाद से जेल में हैं. विधायक न तो खुद कोर्ट में पेश हुए थे और न करायी जमानत.

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पूर्व विधायक दो मुकदमों में जमानत देने पर छूटे

पूर्व विधायक पंकज गुप्ता को स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए ने दो दो मामलों में सुनवाई के जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. उन्होंने शनिवार को ही कोर्ट में सरेंडर किया और साथ में जमानत के लिए अर्जी लगायी. पूर्व विधायक के विरुद्ध थाना कोतवाली जिला उन्नाव में 7 जनवरी 2017 को मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था. चुनाव प्रचार के दौरान वे पब्लिक को गोल्डेन कलर की कटोरियां बांट रहे थे. दूसरा मामला इसी थाने में 22 अक्टूबर 97 को दर्ज कराया गया जिसमें सचिव उन्नाव शुक्लागंज ने आरोपित किया कि मानचित्र के विपरीत निर्माण कराया जा रहा था.

Posted By: Vijay Pandey