विंटर सीजन के लिए जू के पक्षियों के डाइट चार्ट में बदलाव

-दून जू में सबसे महंगे पक्षियों में मकाऊ व ऑस्ट्रिच शामिल

देहरादून, विंटर सीजन शुरू हो गया है। नवंबर के महीने में टेंप्रेचर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में दून जू में मौजूद करीब 405 मेहमानों की विंटर सीजन को देखते हुए खास खातिरदारी हो रही है। इन मेहमानों के डाइट चार्ट में भी परिवर्तन कर दिया गया है। मकाऊ व ऑस्ट्रिच पक्षियों के लिए सबसे ज्यादा महंगी डाइट चार्ट तैयार किया गया है। इन्हें खातिरदारी काजू, बादाम, छुआरे व मुनाके आदि से किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इनसे न केवल पक्षियां गरम महसूस करती हैं, बल्कि हेल्थ व ब्रीडिंग के लिए भी वे फिट रहा करती हैं। इधर, जू में मौजूद राजा व रानी के लिए भी मटन में आधे केजी की बढ़ोत्तरी करते हुए साढ़े तीन केजी रोजाना का डाइट मुहैया कराया जा रहा है।

405 मेहमानों में 350 बर्ड

दून जू में 405 मेहमान बताए गए हैं। जिनमें तमाम स्पेशीज की करीब 350 पक्षियों शामिल हैं। बाकी वाइल्ड एनिमल्स शामिल हैं। इन एनिमल्स में घुरड़, काकड़, चीतल, सांभर के अलावा घडि़याल शामिल हैं। घुरड़, काकड़, चीतल व सांभर के लिए विंटर डाइट चार्ट बदल दिया गया है। जिनको गुड़, सोयाबीन की खली, मूंगफली, चना, मक्की का दाने के साथ सेंधा नमक की डाइट मुहैया कराई जा रही है। रात में इनको पाले से बचाने के लिए शेड तैयार किए गए हैं। जिनके ऊपर व बिछाने के लिए पुआल की मदद ली जा रही है। हरी घास में भी बढ़ोत्तरी की गई है। ब‌र्ल्ड की खातिरदारी में परिवर्तन किया गया गया है। ब‌र्ल्ड को ब्वॉयल एग, सूरजमुखी की सीड्स और चना खास तौर पर दिया जा रहा है।

मकाऊ व ऑस्ट्रिच कीमती

मकाऊ व ऑस्ट्रिच जू में कीमती आंके गए हैं। उन्हें उसी हिसाब से फीडिंग की जा रही है। कलरफुल मकाऊ को काजू, बादाम, छुआरे, ब्वॉयल अंडे व मुनाके मुहैया कराए जा रहे हैं। इन पक्षियों के लिए किए गए शेड्स में ग्रीन नेट व पुआल इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा छोटे पक्षियों के चूजों के लिए इंसेक्ट्स भी मंगाए गए हैं। बारिश के बाद ठंड पड़ने पर मकाऊ व ऑस्ट्रिच को हीटर की सुविधा देने की तैयारी की गई है।

राजा-ानी का डाइट चार्ट

जू में मौजूद लेपर्ड राजा व रानी के डाइट चार्ट में भी तब्दीली की गई है। उन्हें मुर्गा या चिकन से दूर रखते हुए मटन तीन केजी से बढ़ाकर साढ़े तीन केजी कर दिया गया है। मटन में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। दून जू के आरओ के मुताबिक घडि़याल के डाइट में विंटर सीजन के दौरान गिरावट आ जाती है। वे हफ्ते में एक बार ही फीडिंग करते हैं। उन्हें फ्रैश पानी ट्यूवेल के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है, जू के वैटरनी ऑफिसर डा। राकेश नौटियाल के अनुसार रोज सुबह हर एनिमल्स को फ्रैश वाटर मुहैया कराया जा रहा है। रात को रुके हुए पानी में पाला व ठंडक होने के कारण उसकी रात को ही निकासी कर दी जाती है।

Posted By: Inextlive