-रोडवेज की सभी बसों में स्पीड गवर्नर लगाने का दिया आदेश

-स्पीड गर्वनर से कोई भी बस 80 किमी। की ज्यादा स्पीड से नहीं चलेगी

-4 डिपो बरेली रीजन में

-659 बसें बरेली रीजन में

-200 बसों में ही अब तक लगे सके हैं स्पीड गवर्नर

-200 से ज्यादा बसों में अभी तक नहीं लग सके हैं स्पीड गवर्नर

डिपो में बसों की स्थिति

बरेली डिपो

71 निगम की बसें हैं बरेली डिपो की, जिसमें 3 बसें जनरथ

28 अनुबंधित बसें हैं जिसमें से 7 बसें शताब्दी की हैं

रुहेलखंड डिपो

60 बसें निगम की हैं जिसमें से 3 जनरथ

29 बसें अनुबंधित बसें, जिसमें 9 शताब्दी

===============

पीलीभीत डिपो

92 बसें हैं निगम की

19 बसें अनुबंधित हैं इसमें से 12 बसें शताब्दी

====================

बदायूं डिपो

26-बसें निगम की हैं

37-बसें हैं अनुबंधित

======================

बरेली: अभी हाल में ही आगरा एक्सप्रेस-वे में हुए हादसे के बाद परिवहन विभाग के अफसरों की नींद टूट गई। जिसके बाद करीब दो साल पहले रोडवेज बसों में स्पीड गवर्नर लगाने के आदेश को अब इंप्लीमेंट करना शुरू किया है। जिससे कोई भी बस अब 80 किमी। की ज्यादा की स्पीड से नहीं चल पाएगी। रोडवेज के एमडी राजशेखर ने हाल ही में सभी रोडवेज बसों में स्पीड गवर्नर लगाने का आदेश जारी कर दिया है। जिससे रोडवेज ड्राइवर ओवर स्पीड बस नहीं चला पाएंगे। वहीं दूसरी ओर हादसे भी कम होंगे। वहीं अधिकारियों ने बताया कि नई बसों में तो स्पीड गवर्नर लग कर आ रहे हैं, लेकिन पुरानी बसों में नहीं हैं। इसलिए अब सभी पुरानी बसों में भी स्पीड गवर्नर लगाया जाएगा।

ड्राइवर्स करते हैं मनमानी

रोडवेज बस ड्राइवर अभी मनमाने तरीके से वाहन चलाते हैं जिससे जल्दबाजी के चक्कर में कई बार हादसे भी हो जाते हैं। स्पीड गवर्नर लग जाने से अब वे लिमिटेड स्पीड यानि 80 किमी। से ज्यादा स्पीड में बस नहीं चला पाएंगे। जिससे हादसों में कमी आएगी।

जुगाड़ से चलाया अभी तक काम

स्पीड गर्वनर लगाने के लिए आदेश करीब दो साल पहले आया था, लेकिन रोडवेज के जिम्मेदार अफसरों ने स्पीड गवर्नर लगवाने के बजाय बसों में स्पीड पैडल के नीचे एक नट बेल्ड लगवा दिया था। जिससे स्पीड पैडल ज्यादा प्रेस नहीं होता था और बस स्पीड नहीं पकड़ती थीं। इसी जुगाड़ से अफसर अब तक रोडवेज की 400 बसों को दौड़ाते रहे।

यह होता है स्पीड गवर्नर

स्पीड गवर्नर डिवाइस वाहनों की गति को कंट्रोल करने के लिए लगाई जाती है। इसे वाहनों के इंजन के साथ लगाया जाता है। स्पीड गवर्नर लगने के बाद वाहनों की गति सीमित हो जाती है। तय गति से ज्यादा पर वाहन नहीं चलाया जा सकता है।

ऐसे काम करती है डिवाइस

स्पीड गवर्नर वाहनों में फ्यूल टैंक और माइलो मीटर के बीच लगने वाला एक उपकरण होता है। इसमें सेट की हुई स्पीड से ज्यादा तेजी से वाहन चलाया जाए तो फ्यूल की सप्लाई खुद ब खुद बंद हो जाती है।

पैसेंजर्स के वर्जन

-रोडवेज के ड्राइवर बसों को अनियंत्रित तो चलाते हैं। लेकिन जब स्पीड गर्वनर लगा होगा तो बसों को नियंत्रित गति से अधिक नहीं चला सकेंगे। इससे हादसों में कमी आएगी अच्छी बात है।

आकाश

---------------

-बसों को जब भी ड्राइवर अनियंत्रित गति से दौड़ाएंगे तभी अक्सर हादसे होते हैं। लेकिन जब तक बस को अनियंत्रित नहीं दौड़ाएंग ड्राइवर तो हादसों में कमी आएगी। यह बहुत अच्छा काम होगा।

प्रशांत

--------------------

-रोडवेज की बसों को ड्राइवर बस को जल्दी पहुंचाने की होड़ में रहते हैं। इसीलिए हादसे होते हैं। लेकिन यह काम अच्छा हो रहा है जब बस ही अधिक स्पीड से नहीं दौड़ेगी तो ड्राइवर दौड़ा भी नहीं पाएंगे।

राहुल शंखधार

रोडवेज की सभी बसों में स्पीड गर्वनर लगाने का आदेश मुख्यालय से आया है। स्पीड गर्वनर लगने से कोई भी बस ड्राइवर बस को 80 किलोमीटर से अधिक स्पीड से नहीं दौड़ा पाएगा।

अमरनाथ मेहता, एसएम रोडवेज

Posted By: Inextlive