-कई विभागों ने ली स्वच्छता की शपथ तो कई को नहीं है जानकारी

-परिसर के अंदर पान-मसाला नहीं खा रहे हैं तो जाना पड़ रहा है बाहर, समय की बर्बादी

-परिसर के अंदर खुली है पान-मसाले को बंद कराएंगी डीएम

मेरठ: लो भईया बड़े परेशान रहे दो दिन। आज तो मुस्करा रहे थे। पूछा, तो बताने लगे कि 'मसाले की आदत छूट गई.' साहब की भी नजर थी, सरकार का फरमान आने के बाद से मसाला खाने का तो जैसे मन ही नहीं कर रहा था। निबंधन विभाग में वरिष्ठ लिपिक पद पर तैनात आरपी सिंह ने शुक्रवार दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के समक्ष अपने 3 दिनों का अनुभव बयां किया।

फरमान आया रास

सरकारी कार्यालयों में पान-मसाला खाने पर रोक का आदेश ज्यादातर को रास आ रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के इस फरमान के बाद कुछ ने इसे नैसर्गिक फोर्स बताया तो कुछ अभी भी असमर्थता जता रहे हैं। पिछली 10 सालों से मसाले की लत से जूझ रहे साहब को भी मौका मिल गया। स्वास्थ्य की फिक्र तो पहले ही हो रही थी, लगे हाथ सरकार का आदेश आ गया। अब दफ्तर में बैठकर ईलाइची और सौंफ चबाते हैं। पूछने पर बताया कि अब मसाला नहीं खाएंगे। परिसर में खा नहीं सकते और बाहर जाकर खाने के लिए समय नहीं है।

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सरकारी कार्यालयों के परिसर पर बंद होगी पान मसाले की दुकानें

मेरठ। सभी विभागों को कार्यालय और पर परिसर में पान-मसाला न खाने के कड़े निर्देश देते हुए डीएम बी। चंद्रकला ने बताया कि शासन के आदेशों का पालन किया जा रहा है। आने वाले दिनों में एडीएम सिटी मुकेश चंद्र के नेतृत्व में एक टीम विभागों को दौरा करेगी। उन्होंने कलक्ट्रेट समेत विभिन्न सरकारी विभागों के अंदर खुली पान-मसाले की दुकानों को बंद कराने की बात कही।

असल मुसीबत हो ये भी हैं

सरकारी विभागों में आने-जाने वाली पब्लिक बड़ी मुसीबत खड़ी कर रही है। विभागीय का मानना है कि आने-जाने वाले फरियादियों के अलावा कोर्ट-कचहरी में आने वाले लोग पान-मसाला खाते हैं और बीड़ी-सिगरेट पीते हैं। इन्हें रोकना मुश्किल हो रहा है।

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सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि तैनात कर्मचारी और अफसर पान-मसाला खाकर न तो परिसर में आएं और न ही कार्यालय में खाएं। निगरानी के निर्देश भी विभागों को दिए गए हैं।

मुकेश चंद्र, एडीएम सिटी

Posted By: Inextlive