टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज आर अश्विन का कहना है कि वह अपने द्वारा बनाए रिकॉर्ड से ही लड़ रहे हैं। अश्विन को घर और बाहर के प्रदर्शन को लेकर हमेशा आलोचना का शिकार करना पड़ता है।

बेंगलुरु (एएनआई)। स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि वह अपने स्वयं के बेंचमार्क से लड़ रहे हैं क्योंकि उनकी विदेशी टेस्ट प्रदर्शन की भारत में उनके प्रदर्शन से हमेशा तुलना होती है। अश्विन हाल के वर्षों में भारत के लिए सबसे सफल स्पिनर रहे हैं, हालांकि, एशिया के बाहर आयोजित टेस्ट सीरीज में उन्हें पिछले कुछ सालों में सिर्फ एक बार खेलने को मिला है। बता दें घर के बाहर टेस्ट सीरीज में अश्विन की प्लेइंग इलेवन में जगह बड़ी मुश्किल से बन पाती है।

विदेशों में बेहतर प्रदर्शन का दबाव

अश्विन ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो द्वारा आयोजित एक वीडियोकॉस्ट में कहा, 'देखिए, एक बात सुनिश्चित है। मैं वास्तव में अपने स्वयं के बेंचमार्क से लड़ रहा हूं। मैं भारत में खेलता हूं और अच्छा प्रदर्शन करता, यह अच्छी बात है। मगर घर के बाहर टेस्ट खेलने पर मुझ पर उतना ही दबाव होता है। मुझे वहां भी वैसा ही प्रदर्शन करना होता है, जितना घर पर करता हूं। दोनों की हमेशा तुलना होती है।' इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की हालिया दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला में, अश्विन को पहला मैच खेलने को मिला था मगर दूसरे टेस्ट में उन्हें बाहर कर रवींद्र जडेजा को टीम में इंट्री दी गई।

हमेशा सीखना पड़ता है

2016 में वेस्टइंडीज दौरे के बाद से, अश्विन ने एशिया के बाहर 12 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 27.65 की औसत से 44 विकेट लिए। हालांकि स्पिनर ने कुछ काउंटी क्रिकेट भी खेले हैं, ताकि वे अनजान पिचों पर विकेट ले सकें। अश्विन ने आगे कहा, 'इंग्लैंड में मैच खेलने के बाद मुझे एहसास हुआ है कि स्पिनर के लिए विदेशी परिस्थितियों में बेहतर गेंदबाजी करना भी उतना ही अहम है, जितना आप घर पर करते हैं। यही तो खेल है। और, दूसरी बात, आपको थोड़े से भाग्य की आवश्यकता है। 2014 [दिसंबर 2013p> Posted By: Abhishek Kumar Tiwari