अध्यात्मिकता के प्रभाव की वजह से देश में तीर्थाटन बढ़ गया है। तीर्थस्थलों में होटलों की बुकिंग बढ़ गर्इ है आैर घरेलू ट्रैवल के कारोबार में भी तेजी आर्इ है।


देश के तीर्थस्थलों पर बढ़ा श्रद्घालुओं का आगमनमुंबई (पीटीआई)। अध्यात्म के अलख ने देश के तीर्थस्थलों पर श्रद्घालुओं के आगमन को बढ़ा दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में वाराणसी और ओडिशा में पुरी तीर्थयात्रियों के पसंदीदा डेस्टिनेशन बनकर सामने आए हैं। ट्रैवल मार्केटप्लेस आईएक्सआईगो ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महीने दर महीने होटलों की बुकिंग देखें तो पुरी में 60 प्रतिशत, वाराणसी में 48 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश के तिरुपति में 34 प्रतिशत, और महाराष्ट्र के सिरडी में 19 प्रतिशत  की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह रिपोर्ट आईएक्सआईगो पर इस गर्मी होटलों की बुकिंग और सर्च के आधार पर तैयार की गई है।तीर्थ के लिए सबसे ज्यादा ट्रेन सर्च लखनऊ से
आईएक्सआईगो के सीईओ एवं सह संस्थापक आलोक बाजपेयी ने कहा कि होटलों की बुकिंग जिस तरह से बढ़ रही है, उससे हम कह सकते हैं कि भारत में तीर्थाटन एक ऑफबीट पर्यटन के प्रचलन के तौर पर उभर रहा है। तीर्थयात्रा के लिए सबसे ज्यादा ट्रेन सर्च लखनऊ से की गई। यहां से करीब 13 प्रतिशत ट्रेनें ऐसे धार्मिक स्थलों के लिए लोगों ने सर्च की। देश में इसके बाद मुंबई का नंबर रहा, जहां 7 प्रतिशत लोगों ने धार्मिक स्थानों लिए ट्रेन सर्च किया। इस सूची में 6 प्रतिशत के साथ हैदराबाद का तीसरा नंबर रहा।तीर्थाटन मामले में दिल्ली रहा चौथे नंबर परधार्मिक स्थानों के लिए ट्रेन सर्च में दिल्ली का नंबर चौथा रहा। यहां 5 प्रतिशत लोगों ने तीर्थाटन के लिए ट्रेन सर्च किया। बाजपेयी के अनुसार, स्प्रिचुअल टूरिज्म देश में अब तक अनछुआ रहा है। इसमें बहुत स्कोप है। देश में यात्रा का करीब 60 प्रतिशत पर्यटन तीर्थयात्रा से संबंधित होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस सेक्टर में सहयोग के लिए बजट का प्रावधान किया है ताकि धार्मिक स्थलों पर आधारभूत ढांचा खड़ा करने में मदद मिल सके। तीर्थाटन बढ़ाने के लिए सरकार नई परियोजनाएं ला रही है, धार्मिक सर्किट विकसित कर रही है और ट्रेन रूट बनाने पर तेजी से काम कर रही है।गोवा के पयर्टन स्थल घूमना होगा और आसान, सरकार शुरू करेगी ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विसरांची में बढ़ रहा कॉरपोरेट टूरिज्म, एक साल में 15 परसेंट का इजाफा

Posted By: Satyendra Kumar Singh