राजनीतिक अटकलों और खींचतान के बीच भारतीय जनता पार्टी ने स्वीकार किया है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर वह एनडीए की दो पार्टियों शिवसेना और जनता दल यू को नहीं मना पाया है.

इसके बाद उसने पीए संगमा को समर्थन देने की घोषणा की है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने संयुक्त रुप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रुप में सामने रखा था। पत्रकारों को जानकारी देते हुए सुषमा स्वाराज ने कहा, ''हमारे पास दो विकल्प थे एक ऐपीजे अब्लदुल कलाम और दूसरा पीए संगमा। लेकिन कलाम ने जब ये घोषणा की कि वे चुनाव की दौड़ में शामिल नहीं है तो भाजपा ने फैसला लिया कि वह अधिकृत रूप से पीए संगमा की उम्मीदवारी का समर्थन करेगी.''

सुषमा ने बताया कि आडवाणी ने इस बारे में पंजाब के सहयोगी दल अकाली दल से चर्चा की है और अकाली दल भाजपा के रुख़ के साथ रहेगा।

विपक्ष की भूमिका

सुषमा स्वराज और अरुण जेटली दोनों ने कहा कि वे सत्ता पक्ष की ओर से प्रमुख विपक्षी दल भाजपा की अनदेखी से ख़ुश नहीं हैं। सुषमा स्वराज ने कहा कि अब यूपीए सर्वसम्मति की बात कर रहा है लेकिन सर्वसम्मति की जो पहली शर्त होती है फ़ैसला लेने से पहले चर्चा करने की, वह तो यूपीए ने किया नहीं।

अरुण जेटली ने उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा, "हमारे सामने सवाल था कि क्या हम विफल हो चुके यूपीए का समर्थन देकर उसे मज़बूती प्रदान करें, तो हमने फ़ैसला किया कि हम उनकी बात मानकर उनका समर्थन नहीं करेंगे."

सुषमा स्वराज ने कहा, " इस बार देश में 14वें राष्ट्रपति का चुनाव होने जा रहा है और 1977 के चुनाव को छोड़कर कभी भी राष्ट्रपति चुनाव निर्विरोध नहीं हुए है। इसलिए ये कहना कि चुनाव आपने निर्विरोध नहीं होने दिया जा रहा है, ग़लत है."

उन्होंने कहा, "जिस तरह सत्तारूढ़ गठबंधन ने प्रमुख विपक्षी दल की अनदेखी की है उसके बाद हमने ये निर्णय किया है कि कांग्रेस को वॉक ओवर नहीं दिया जाएगा." प्रणब मुखर्जी सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।

शिवसेना ने उन्हें समर्थन देने की घोषणा की है। यूपीए के एक अन्य प्रमुख घटक दल जनता दल यूनाइटेड की ओर से अभी औपचारिक तौर पर कोई फैसला नहीं हुआ है हालाँकि सुषमा स्वराज ने कहा कि जद(यू) राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव के पक्ष में नहीं है। इसके बाद वामपंथी दलों की भी शाम को बैठक होने वाली है जिसमें वे भी इस बारे में विचार विमर्श करेंगे।

किसी दल का उम्मीदवार नहीं: संगमापीए संगमा ने भाजपा के समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया है और आशा व्यक्त की है कि ममता बनर्जी का समर्थन भी उन्हें मिल जाएगा। संगमा ने पत्रकारों से कहा कि वे किसी एक दल के उम्मीदवार नहीं हैं।

उन्होंने कहा, "दो ताकतवर मुख्यमंत्रियों ने मेरा नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रुप में प्रस्तावित किया और मैं इसके लिए उनका आभारी हूँ." उन्होंने कहा कि एनडीए के घटक दलों अकाली दल, जेएमएम और छोटे दलों ने उनसे संपर्क करके समर्थन का वादा किया है। पीए संगमा ने कहा कि वे जल्दी ही देश के दौरे पर जाएँगे और एनडीए और यूपीए दोनों ही गठबंधनों के दलों से समर्थन मांगेंगे।

Posted By: Inextlive