PATNA : बिहार में एक तरफ क्राइम का ग्राफ तेज है और दूसरी तरफ जेडीयू और आरजेडी के बीच बयानबाजी. इस बीच नए साल में लालू प्रसाद की नाराजगी देखते बनी. उन्होंने प्रवक्ताओं को नसीहत दी है कि बाज आएं फिजूल में ना बोलें और अगर समझ नहीं आ रहा है तो घर में चुपचाप सोएं. लालू प्रसाद ने कहा कि लोग टीआरपी बढ़ाने के लिए अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. इससे पार्टी को नुकसान होता है. महागठबंधन एकजुट है. हमारे बीच कोई विवाद नहीं है. बिहार सरकार सही तरीके से काम कर रह रही है और हम जनता को दिए गए वचन निभाएंगे. प्रवक्ता और नेता बयान देने से पहले परमिशन लें.

 

 

रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान से नाराज हुए लालू

लालू प्रसाद की नाराजगी की वजह आरजेडी के सीनियर नेता और पूर्व सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान के बाद सामने आयी है। रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को बढ़ते क्राइम के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार कहा था। रघुवंश बाबू ने कहा था कि स्टीयरिंग नीतीश के पास है। ऐसे में जो बातें होंगी, जो सवाल उठेंगे, नीतीश को जवाब तो देना ही होगा। जेडीयू के लोगों को जयकारा सुनने की आदत है। सरकार में हैं तो जवाब देना चाहिए।

 

लालू की नसीहत का असर नहीं रघुवंश प्रसाद सिंह पर 

दिलचस्प ये कि एक तरफ लालू प्रसाद नसीहत देते रहे और दूसरी तरफ उनके नसीहत की परवाह नहीं की रघुवंश प्रसाद सिंह ने। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि क्राइम रोकने की जिम्मेदारी नीतीश की है। हम जनता के मन की बात बोल रहे हैं। सरकार को लेकर जनता के बीच जो धारणा बन रही है, मैंने उसी बारे में कहा है। आखिर हम सरकार में हिस्सेदार हैं।

 

जेडीयू का गुस्सा आसमान पर

रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान का सबसे ज्यादा असर जेडीयू पर पड़ा है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि रघुवंश बाबू सठिया गए हैं। विधानसभा चुनाव के समय से ही वह अनाप-शनाप बोलते रहे हैं। चुनाव में पहलवान खोज रहे थे। रामा सिंह ने जब उन्हें हरा दिया तो डिरेल हो गए हैं। शुरुआत से ही वह महागठबंधन के खिलाफ बोलते रहे हैं। वह खुद लोकसभा का चुनाव हार गए थे। जेडीयू सांसाद अली अनवर ने कहा कि  रघुवंश बाबू से सभी परेशान हैं। यहां तक कि लालू प्रसाद भी। चुनाव के दौरान भी उन्होंने बयान देकर महागठबंधन की छवि खराब करने की कोशिश की थी और अब सीधे मुख्यमंत्री पर बोल रहे हैं।

 

महागठबंधन में आरजेडी बड़े भाई की भूमिका में : मुद्रिका सिंह यादव

जेडीयू के बयान के बाद आरजेडी की ओर से भी बयान आए। आरजेडी के प्रधान महासचिव मुद्रिका सिंह यादव ने कहा कि महागठबंधन में राजद बड़े भाई की भूमिका में है। बड़े भाई के नाते विधि-व्यवस्था के मुद्दे पर लालू प्रसाद की चिंता जायज है। आरजेडी की जिम्मेवारी बनती है कि कानून-व्यवस्था सही हो।

 

अपराध पर नियंत्रण तो होना ही चाहिए : आलोक मेहता

सहकारिता मंत्री और आरजेडी नेता आलोक मेहता ने कहा कि बिहार की चिंता सरकार में शामिल तीनों दलों के नेताओं की है। आरजेडी या उपाध्यक्ष का वक्तव्य पार्टी का आधिकारिक नजरिया है। कहा कि अपराध पर नियंत्रण तो होना ही चाहिए।

 

शुरुआत लालू प्रसाद ने ही की थी

बिहार की बिगड़ती विधि-व्यवस्था पर महागठबंधन के भीतर सबसे पहला बयान आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की ओर से ही आया था। लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत दी थी कि वे पुलिस को फ्री हैंड छोड़ें। उन्होंने नीतीश कुमार के काल में तत्कालीन डीजीपी की ओर से पुलिस का मनोबल तोड़े जाने की बात भी कही थी। बड़ा सच ये है कि तत्कालीन डीजीपी अभयानंद की कार्रवाई पर उस समय नीतीश कुमार ने ही कहा था कि उनके (नीतीश कुमार) निर्देश के अनुसार ही डीजीपी ने कार्रवाई की।

Posted By: Inextlive