- ओलम्पिक को देखते हुए ज्वाला और पोनप्पा जा सकते हैं फॉरने ट्रेनिंग पर

- दोनों खिलाडि़यों को साथ प्रैक्टिस के कम ही मौके मिलते हैं

LUCKNOW: इंडिया में डबल्स के लिए ना तो कोई कोच है और ना ही इसके लिए यहां पर कोई खास शेड्यूल है। यह कहना है कि वीमेंस डबल्स की जोड़ी की इंडियन स्टार शटलर अश्विनी पोनप्पा की। सैयद मोदी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए वह मंगलवार को नवाबों की नगरी लखनऊ पहुंची। यहां पर उन्होंने बताया कि इंडिया वीमेंस डबल्स में मैं ज्वाला गट्टा के साथ खेल रही हूं। निश्चित रूप से एक वह जुझारू खिलाड़ी है जिनके दम पर डबल्स का खेल टिका है। उनके चलते ही इंडिया में डबल्स को पहचान मिली।

उन्होंने बताया कि इंडिया में डबल्स की ट्रेनिंग के लिए कोई बेहतर कोच नहीं है। फिर ऐसे में हमसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है। उन्होंने बताया कि इंडिया में इस हमारे गेम की ट्रेनिंग के लिए कोई बेहतर कोच नहीं है। डबल्स के लिए कोई फॉरेन और स्पेशिलस्ट कोच होना चाहिए। इंडिया में तो ऐसे कोच नहीं है.लेकिन डबल्स के लिए कहीं कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस साल नेशनल और कई महत्वपूर्ण इंटरनेशनल मुकाबले हैं। मई से रियो ओलम्पिक के लिए भी क्वालीफाइंग शुरू हो जाएंगे। ऐसे में एक बड़ी चुनौती है हमारे सामने। उन्होंने कहा कि इन सब टूर्नामेंट को देखते हुए फिलहाल हम और ज्वाला यह मन बना रहे है कि फॉरेन में ट्रेनिंग ली जाए। खासबात यह है कि डबल्स के लिए हमें साथ प्रैक्टिस करने का वक्त भी नहीं मिलता है। मै बंगलुरु में प्रैक्टिस करती हूं ज्वाला हैदराबाद में। ऐसे में सिर्फ टूर्नामेंट के समय साथ खेलने में हमारा प्रदर्शन कितना अच्छा हो सकता है।

डबल्स की इंडियन स्टार ज्वाला गट्टा ने कहा कि यह सच है कि इस समय स्पांसर की तलाश चल रही है। लोग डबल्स पर कम ध्यान दे रहे हैं। सैयद मोदी टूर्नामेंट में तैयारी को लेकर उन्होंने कहा कि यहां होने वाला पहला मुकाबला ही हमारे लिए महत्वपूर्ण होता है। इस पर ही आगे का खेल डिपेंड करता है। उन्होंने कहा कि रियो ओलम्पिक के चले सभी टूर्नामेंट इम्पार्टेट है। इसके लिए हमारी ट्रेनिंग भी चल रही है और प्लान भी तैयार किया गया है। इस बार यहां पर चाइना, जापान और कोरिया के खिलाडि़यों के ना आने पर ज्वाला ने कहा कि उनके ना आने से जहां खिलाडि़यों की उम्मीदे बढ़ी है वहीं डबल्स पर इसका कोई खास असर नहीं दिखेगा। डबल्स में मलेशिया और थाईलैंड के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में हमारा मुकाबला आसान नहीं होगा। इस टूर्नामेंट के बाद ऑल इंग्लैड और जर्मन ओपन होगा। इसके बाद भी कई टूर्नामेंट होने हैं।

Posted By: Inextlive