Agar:सिटी में स्‍पोर्ट़स को कितनी सुविधा दी जाती है ये किसी से छुपा नहीं है. इसके बावजूद स्टेडियम में ऐसे गेम्स पर पैसा बहाया जा रहा है जिस गेम में न कोई कोच है और न ही कोई प्लेयर्स. ऐसे ही गेम स्क्वैश के लिए तत्कालीन प्रभारी आरएसओ अजय कुमार सेठी ने लाखों रुपए खर्च करके हॉल बनवा दिया. लेकिन साल बीतने के बाद गेम के हालात ये है कि गेम में न किसी प्लेयर का रजिस्ट्रिेशन हुआ है और न ही ट्रेनिंग के किसी कोच ने आवेदन किया है. जबकि ओलंपिक में इंडिया को मेडल दिलाने वाले गेम रेसलिंग के प्लेयर्स को अभी तक प्रैक्टिस के लिए अपना हॉल नहीं मिल सका है.

सी को नहीं है इंट्रेस्ट
पहली बार शुरू हुए नए स्क्वैश गेम की हालत ये है कि इस गेम में किसी भी प्लेयर्स को किसी को इंट्रेस्ट नहीं है। इसके चलते हालात ये है कि साल भर बाद भी इस गेम के प्रति एक भी प्लेयर्स ने इसमें पार्टिसिपेट करने के लिए इंट्रेस्ट नहीं दिखाया है।
नहीं किया अप्लाई
स्टेडियम में चलने वाले गेम्स के लिए हर साल अस्थाई कोचेज अपाइंट किए जाते है। ऐसे में आरएसओ की ओर गेम आवेदन करने वाले कोचेज की एप्लीकेशन भेजी जाती है। इस गेम में न लास्ट ईयर किसी ने कोच के लिए अप्लाई किया और न ही इस साल एक भी आवेदन आए। जबकि इस बार 18 अलग-अलग गेम्स के लिए कोचेज के लिए आवेदन दिए गए है। जिनका अपाइंमेंट जुलाई के फस्र्ट वीक में कर दिया जाएगा।
लगा रहता है ताला
लास्ट ईयर ईयर प्रभारी आरएसओ अजय कुमार सेठी ने स्क्वैस गेम के लिए अलग से कोर्ट का निर्माण कराया था। लेकिन प्लेयर्स न होने की वजह से इसके कोर्ट पर हमेशा ताला लगा रहता है।
शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस
स्टेडियम में लास्ट ईयर जुलाई से कुश्ती के कोच का तैनात किया गया था। इस गेम के प्रति प्लेयर्स में इतना क्रेज था कि दर्जनों की संख्या में प्लेयर्स प्रैक्टिस कर रहे है। लेकिन उनकी प्रैक्टिस करने के लिए स्टेडियम में कोई व्यवस्था न होने से प्लेयर्स को शूटिंग में जाकर प्रैक्टिस करनी पड़ती है।
घोषणा करके भूल गए
लास्ट ईयर तत्कालीन प्रभारी आरएसओ अजय कुमार सेठी ने कुश्ती के लिए हॉल बनाने की घोषणा की थी। इस दौरान एमएलसी सुनील चित्तौडिय़ा ने फंड की देने की बात कही थी। लेकिन घोषणा के साल भर बाद सभी भूल गए।

Report by:-

Neeraj Sharma(sharma.neeraj@inext.co.in)

Posted By: Inextlive